उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा मिलने से नहीं बढ़ी आईआईटी दिल्ली की फीस : सत्यपाल सिंह
नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में स्नातकोत्तर और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की फीस में इस साल हुई बढ़ोत्तरी का संस्थान को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिए जाने से कोई संबंध नहीं है। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में दी।
केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने बताया कि आईआईटी दिल्ली ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 से स्नातकोत्तर और पीएचडी में दाखिला लेने वाले छात्रों के नए बैच के लिए फीस में संशोधन किया है। हालांकि यह संशोधन 10 साल बाद किया गया है और इसका उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिए जाने से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली के अलावा आईआईटी बाम्बे को भी उत्कृष्ट संस्थान का दर्ज़ा दिया गया है लेकिन वहां ऐसा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि आईआईटी में फीस संशोधन के बाद भी आत्याधिक सब्सिडाईज है। आईआईटी द्वारा एमटेक को 12,400 रुपये और पीएचडी छात्रों को 25 से 28 हजार रुपये प्रति माह फेलोशिप दी जाती है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस साल जुलाई में आईआईटी दिल्ली सहित छह विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य संस्थानों के स्तर एवं गुणवत्ता में सुधार कर विश्व स्तर का बनाना है।
उल्लेखनीय है कि आईआईटी दिल्ली ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र से फीस में दोगुना तक की वृद्धि की थी। इसमें प्रति सेमेस्टर शुल्क संशोधन एम.एससी के लिए 2500 रुपये से 5000 रुपये, एमटेक/एमएस(आर)/एम.डीईएस (नियमित) के लिए 5000 रुपये से 10,000 रुपये, एमटेक./एम.एस.(आर)/एम.डीईएस (प्रायोजित) के लिए 25000 रुपये से 50,000 रुपये, पीएच.डी (पूर्णकालिक) के लिए 2500 रुपये से 5,000 रुपये और पीएच.डी (पार्ट टाइम) के लिए 2500 से 10,000 रुपये कर दी गई। (हिस)