भोपाल। मप्र लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं की मुश्किलें और बढ़ा दी है। इसका कारण है कि पीएससी ने सभी ऑनलाइन परीक्षाओं की फीस दोगुनी से ज्यादा कर दी है। इससे न सिर्फ अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को परेशानी में डाला है, बल्कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार भी प्रभावित हुए हैं।
हम आपको बता दें कि अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की फीस 1200 रुपए से बढ़ाकर सीधे 2500 रुपए तय की गई है। इसी प्रकार आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की फीस 600 रुपए से बढ़ाकर 1250 रुपए कर दी है। पीएससी ने इस बढ़ी हुई फीस को लागू भी कर दिया है। हाल ही में सहायक संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास (क्षेत्र एवं विस्तार) के लिए जारी किए विज्ञापन के अनुसार उम्मीदवारों से बढ़ी हुई फीस ली जा रही है। यह भर्ती सहायक संचालक के 37 पदों के लिए की जानी है। इसके लिए आवेदन 7 दिसंबर तक भरे जाएंगे।
पीएससी द्वारा युवाओं काे रोजगार के लिए लगातार अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस साल कृषि विभाग के लिए सीधी भर्ती के तहत विज्ञापन जारी किया और इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के लिए बैकलॉग के पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। अब उम्मीदवार अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। फीस 10 से 15 प्रतिशत बढ़ती तो एक बार इसका खर्च उठाया जा सकता था, लेकिन दोगुनी से अधिक फीस बढ़ाने से युवाओं को परेशानी में डाल दिया है। यही नहीं पीएससी द्वारा आयोजित पिछली सेट परीक्षा में 20 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए। यदि इतने ही उम्मीदवार अगली ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होंगे और औसतन 1500 रुपए फीस इनसे ली जाए तो सिर्फ एक परीक्षा से 3 करोड़ रुपए की आमदनी होगी।
पीएससी ने सीधे फीस बढ़ाकर लागू कर दी है। फीस किस तरह बढ़ाई गई और इसका क्राइटेरिया क्या रखा गया, इसकी जानकारी उम्मीदवारों को नहीं मिल रही है। पारदर्शी व्यवस्था का दावा करने वाली यह एजेंसी फीस के मामले में अभी तक पारदर्शिता नहीं दिखा सकी है। फीस बढ़ाने के बाद किसी तरह की सूचना अपनी वेबसाइट पर जारी नहीं की गई।