नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने को लेकर विपक्ष के आरोप पर स्पष्ट किया कि कोई व्यक्ति या संस्था अनुसूचित जाति (एससी), जनजाति (एसटी) और पिछड़े वर्गों (ओबीसी) का आरक्षण नहीं छीन सकती।
बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 5 मार्च की एक अधिसूचना का हवाला दिया और आरोप लगाया कि सरकार विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण खत्म करना चाहती है। यादव ने कुछ विश्वविद्यालयों में निकली रिक्तियों का भी उल्लेख किया और कहा कि सरकार को अध्यादेश जारी कर उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण को बहाल करना चाहिए।
इस पर गृहमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था आरक्षण नहीं छीन सकती। सिंह ने कहा कि इस पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय विस्तृत जवाब देगा। उल्लेखनीय है कि बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति एव पिछड़े वर्गो के आरक्षण के प्रावधान को ठीक ढंग से लागू नहीं किए जाने का आरोप लगा रहे थे। सपा सदस्य इस विषय को उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी भी किए थे।