IAS सौम्या शर्मा की कहानी, 16 साल की उम्र में खो दी थी सुनने की शक्ति, एक बार में पाई सफलता

Update: 2022-08-10 11:21 GMT

वेबडेस्क।यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लाखों बच्चे हर साल यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बनने का सपना देखते है लेकिन कितने ही छात्र ऐसे होते है जो अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर पाते है। इस परिक्षा में बहुत कम लोग एक बार में सफल हो पाते है। लेकिन मन में दृढ़ निश्चय होतो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। आज हम आपके लिए एक ऐसी IAS अधिकारी की कहानी सुनाने जा रहे है। जिन्होंने  अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास कर आईएएस बन गई।  बता दें IAS सौम्या शर्मा सुन नहीं सकती,  इसके बावजूद उन्होंने UPSC परीक्षा को पास कर को मुकाम हासिल किया वह प्रेरणादायक है।  

कौन है सौम्य शर्मा - 

आईएएस सौम्य शर्मा दिल्ली की रहने वाली है।  उन्होंने 16 साल की उम्र में सौम्या ने अपनी सुनने की शक्ति का 90 से 95 प्रतिशत तक खो दिया था। इसके बाद भी अपनी पढ़ाई को जारी रखा, स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के ही नेशनल लॉ स्कूल से वकालत की पढ़ाई की। अपनी वकालत के अंतिम वर्ष में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने का विचार किया।उन्होंने वर्ष 2017 की यूपीएससी परीक्षा में भाग लिया और पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 9 हासिल की।

4 महीने की तैयारी - 

सौम्या को लोगों ने सुनने की क्षमता कम होने के कारण विकलांग कोटे से फार्म भरने की सलाह दी लेकिन उन्होंने चुनौती स्वीकारते हुए सामान्य श्रेणी में परीक्षा दी।  वह शुरु से ही पढ़ाई में काफी बेहतर थी 10वीं कक्षा में सुनने की शक्ति खोने के बाद भी टॉप किया था। सिविल सेवा में पास होने के बाद उनकी मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उन्होंने सभी विषयों में बेहतरीन अंक हासिल किए है। हैरानी की बात यह है कि सौम्या ने सिर्फ 4 महीने की तैयारी में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा सफलता हासिल की थी।

16 घंटे पढ़ाई - 

सौम्या पढ़ाई और करंट अफेयर्स पढ़ने में शुरू से ही रूचि रही है। उन्होंने 3 साल की उम्र से अखबार पढ़ना शुरू कर दिया था। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए वह प्रतिदिन 16 घंटे पढ़ाई करती थी।  यही कारण  है कि उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता दिला दी।


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