अभिनेत्री शशिकला का कोलाबा में निधन, 2007 में पद्मश्री पुरस्कार से हुई सम्मानित
मुंबई। हिंदी सिने जगत की मशहूर अभिनेत्री शशिकला का रविवार दोपहर 12 बजे कोलाबा में निधन हो गया। सत्तर के दशक में अपनी खूबसूरत अदाओं से दर्शकों के दिलों में तहलका मचाने वालीं शशिकला (शशिकला जावलकर) का जन्म सोलापुर के मराठी परिवार में 4 अगस्त, 1932 को हुआ था। उन्होंने करीब 100 फिल्मों में काम किया। फिलहाल वह लंबे समय से सिनेमा की दुनिया से दूर थीं।
शशिकला की जिंदगी काफी-उतार चढ़ाव भरी रही। उन्होंने नायिका के साथ खलनायिका की भूमिका में अपनी अलग छाप छोड़ी। कहा तो यहां तक जाता है कि उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखने से पहले लोगों के घरों में नौकरानी का काम किया। काफी संघर्ष के बाद उन्हें सिल्वर स्क्रीन में हाथ आजमाने का मौका मिला।
पहली फिल्म जीनत -
उनकी पहली फिल्म जीनत (1945) है। इसे नूरजहां के पति शौकत रिजवी ने बनाया था। इसमें उन्हें 25 रुपये मेहनताना मिला था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कामयाबी की बुलंदी के दौरान उन्होंने अभिनेता केएल सहगल के रिश्तेदार ओम प्रकाश सहगल से शादी की। दोनों का कुछ वक्त अच्छा गुजरा। इस दौरान शशिकला ने दो बेटियों को जन्म दिया। कुछ समय बाद पति-पत्नी की मंजिलें अलग हो गईं।
2007 में मिला पद्मश्री पुरस्कार -
शशिकला ने 'तीन बत्ती चार रास्ता', 'हमजोली', 'सरगम', 'चोरी चोरी', 'नीलकमल' और 'अनुपमा' जैसी हिट फिल्में दी हैं। वह चर्चित धारावाहिक 'सोन परी' में फ्रूटी की दादी की भूमिका में भी नजर आ चुकी हैं। इसके अलावा टीवी शो 'जीना इसी का नाम है' में भी नजर आई थीं। 2007 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें वी शांताराम पुरस्कार में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिल चुका है।उन्हें 'डाकू', 'रास्ता' और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए भी याद किया जाता है। वह प्रियंका चोपड़ा, अक्षय कुमार और सलमान खान की 'मुझसे शादी करोगी' फिल्म का हिस्सा रह चुकी हैं। उनकी कुछ अन्य फिल्मों में आई मिलन की बेला, गुमरा, सुजाता और आरती शामिल हैं।