संविधान में विराजे हैं श्री राम, श्री कृष्ण, श्री महावीर, श्री बुद्ध और नृत्य करते नटराज
अजय नागर - संविधान दिवस (Constitution Day) पर विशेष लेख
26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) है। सभी भारतवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं! 1949 में आज के दिन ही संविधान सभा के 284 सदस्यों के हस्ताक्षर से संविधान (Constitution) को पारित किया गया था। भारत का हस्तलिखित संविधान भारत की संसद के तलघर में सुरक्षित रखा हुआ है। हस्तलिखित संविधान को नाइट्रोजन गैस के चैंबर में सुरक्षित रखा गया है। हस्तलिखित संविधान को अंग्रेजी में श्री प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से लिखा था। हिंदी में श्री बसंत कृष्ण वैद्य ने अपने हाथों से लिखा है। संविधान में चित्रित चित्र नंदलाल बोस एवं ब्योहार राम मनोहर सिन्हा के नेतृत्व में शांति निकेतन, विश्व भारती के चित्रकारों द्वारा बनाए गए थे। इस संविधान में कुल 28 चित्रो का उपयोग किया गया हैं। चित्र शब्दों की उपेक्षा भावनाओं को प्रकट करने में अधिक सक्षम होते हैं। इसलिए संविधान निर्माताओं ने इसमें चित्रों को अंकित करने के लिए कहा।
2014 में भारत की सरकार ने मूल हस्तलिखित संविधान की रंगीन छाया प्रतियां बनाई। विक्रय के लिए संसद के स्वागत कक्ष में उपलब्ध है। भारत का कोई भी नागरिक उस संविधान प्रति को क्रय कर सकता है। उस पर अंकित मूल्य का भुगतान करना पड़ेगा। संविधान की यह पुस्तक हिंदी भाषा एवं अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित है।
संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन की अभिशंषा पर जुलाई 1946 में किया गया था। इस संविधान सभा में 389 सदस्य थे। जिसमें से 292 ब्रिटिश प्रांत से, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्र से, 93 देशी रियासतों से थे। देश विभाजन के पश्चात कुल सदस्य 299 रह गए थे। इनमें भी अनुसूचित जनजाति की संख्या 33 थी। महिलाओं की संख्या 12 थी। 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को चुना गया। 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का डॉ राजेंद्र प्रसाद को स्थाई अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर 1946 से प्रारंभ हुई। 22 दिसंबर 1946 की बैठक में उद्देश्य प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। 29 अगस्त 1947 को डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में 7 सदस्य प्रारूप समिति का गठन किया गया। संविधान निर्माण में कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे। संविधान में कुल 22 भाग 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थी। वर्तमान में कुल 25 भाग 448 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं। संविधान सभा के सलाहकार बेनेगल नरसिंहराव थे। संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई। इसी दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का राष्ट्रपति चुना गया। तदुपरांत 26 जनवरी 1950 को इसे अंगीकार किया गया। इसी दिन को हम सब भारतवासी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
भारत का संविधान (Constitution) विश्व का विशालतम लिखित संविधान है। लचीला एवं कठोर, दोनों का समावेश है।
संविधान निर्माताओं ने संविधान के प्रथम चित्र के रूप में अशोक चिन्ह का समावेश किया है। इसमें चारों दिशाओं में देखने वाले चार सिंह की मुखाकृति है। आधारशिला पर 24 तिल्ली से युक्त चार चक्र बने हुए हैं। इन धर्म चक्र के बीच दौड़ता घोड़ा, चलने को तत्पर नंदी, अपने बल को दर्शाता हाथी, तथा सतर्कता से खड़ा हुआ सिंह है। मुंडकोपनिषद के श्लोक सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः। येनाक्रमंत्यृषयो ह्याप्तकामो यत्र तत्सत्यस्य परमं निधानम्।। (3/1/6) के सत्यमेव जयते को बोध वाक्य के रूप में स्वीकार किया गया है।
संविधान निर्माताओं ने संविधान के अंतर्गत मोहनजोदड़ो के प्रतीक चिन्ह को भी शामिल किया है। नागरिक वाले खंड में भारत का नागरिक कैसा हो उसके परिदृश्य के अंतर्गत वैदिक काल के गुरुकुल के चित्र को भी समाहित किया है। मौलिक अधिकारों वाले खंड में भगवान राम पुष्पक विमान से आ रहे हैं। साथ में माता सीता जी और लक्ष्मण जी विराजमान है। आगे चलते हैं तो राज के नीति के तत्व कैसे होने चाहिए, वहां पर संविधान निर्माताओं ने भगवान कृष्ण और अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए चित्र को अंगीकार किया है। संविधान निर्माण में बुद्ध और महावीर को भी समावेश किया है। राज्य रचना का जो खंड है अनुच्छेद 238। मौर्य काल के दरबार का चित्र दिया है। विक्रमादित्य को भी शामिल किया है। नालंदा विश्वविद्यालय विद्यालय व उसका प्रतीक चिन्ह भी शामिल किया गया है। अश्वमेध यज्ञ के घोड़े का चित्र शामिल है।
इसमे गंगा अवतरण भागीरथी प्रयास के चित्र को भी शामिल किया है।संविधान निर्माताओं ने अकबर के दरबार, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह, रानी लक्ष्मीबाई को भी याद किया है। लाठी लेकर चलते हुए गांधी जी, दांडी यात्रा का चित्र भी संविधान में है। भारत के नेताजी आजाद हिंद सेना के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी संविधान में है। खुला आकाश, हिमालय की वादिया, रेगिस्तान में ऊंट की सवारी करते हुए यात्रा दल, समुंद्र व्यापार को दर्शाते हुए पूरा समुंद्र और नौका का चित्र भी दिखाया गया है। संविधान सभा के सभी सदस्यों के हस्ताक्षरो को भी मूल संविधान में दिखाया गया है।