स्वदेश Exclusive: जयश्री गायत्री के किशन मोदी की कहानी, मिलावट का जहर बेच कर खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य, अब बचने के लिए 'जहर'
स्वदेश Exclusive : मध्य प्रदेश। मिलावट का जहर बेच कर जिस कंपनी के करोड़ों रुपए का साम्राज्य खड़ा किया आज उसके निदेशक बचने के लिए जहर का इस्तेमाल कर रहे हैं। कहावत है - जहर जी जहर को काटता है लेकिन भोली - भाली जनता को दूध और पनीर जैसे उत्पाद में मिलावटी जहर परोसने वालों को इस बार 'जहर' नहीं बचा पाएगा। मामला जयश्री गायत्री फूड कंपनी से जुड़े विवाद का है। EOW और ED की जांच के बीच कंपनी की निदेशक पायल मोदी (कंपनी के मालिक किशन मोदी की पत्नी) ने चूहे मार दवा खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है। उनकी कंपनी सालों से लोगों की जान से खिलवाड़ करती आई है। स्वदेश की इस रिपोर्ट में पढ़िए जयश्री गायत्री फूड के किशन मोदी की पूरी कहानी और उनसे जुड़े विवाद।
जयश्री गायत्री फूड प्राइवेट लिमिटेड, 29 जनवरी से यह कंपनी लगातार चर्चा में है। इस कंपनी के खिलाफ EOW ने जांच शुरू की थी। अब मामला ईडी तक नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान तक पहुंच गया है। कम्पनी की निदेशक पायल मोदी ने चूहे मार जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है वहीं कंपनी के मालिक और पायल मोदी के पति किशन मोदी ने मीडिया के सामने आकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस कंपनी का इतिहास शुरुआत से विवादों के घेरे में रहा है। कभी किसानों ने तो कभी सोशल वर्क करने वाले लोगों ने इसके खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो EOW और ईडी की जांच के बाद पता चलेगा फिलहाल इस कंपनी से जुड़े कई और विवाद सामने आए हैं। जयश्री कंपनी के खिलाफ शिकायत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत पर किशन मोदी ने 5 करोड़ रुपए मांगने का आरोप भी लगाया है। इन आरोपों के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत से बातचीत भी की गई है।
जयश्री गायत्री कंपनी के मालिक किशन मोदी द्वारा लगाए गए आरोप और इस कंपनी के चिराग पासवान कनेक्शन पर सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत ने क्या कहा यह जानने पहले जानिए कंपनी से जुड़े विवाद...।
किशन मोदी के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के ये हैं आरोप :
- EOW को की गई शिकायत में बताया गया है कि, किशन मोदी ने विदेशों में अपना व्यापार व्यवसाय शिफ्ट करने का सारा इंतजाम कर लिया है। एक कंपनी भी स्टार्ट कर ली गई है।
- किशन मोदी ने अलग - अलग बैंकों से करोड़ों रुपए लोन लिया है। आशंका जताई गई कि, वह विदेश भाग सकते हैं। किशन मोदी द्वारा दुबई, UAE में "ROYAL INDUSTRIES" नामक कंपनी स्थापित की गई है। भोपाल, मध्यप्रदेश स्थित करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी को किशन मोदी ने कुछ महीनों पहले बेचा है।
- बैंक से लोन लेने में भी किशन मोदी पर धोखाधड़ी का आरोप है। फर्जी बिल, फर्जी स्टॉक दिखाकर प्रॉफिट जनरेट किया और उस आधार पर अलग - अलग बैंकों से करोड़ों रुपए लोन लिए। दस्तावेजों में हेरफेर करके कुछ बैंक के अफसरों के साथ सांठगांठ कर लोन की राशि पाई गई। 200 करोड़ से ज्यादा का लोन किशन मोदी द्वारा विभिन्न बैंक से लिया गया है।
- JGF कंपनी का पिछले 6 वर्षों का जो ग्रोथ रेट है वो इतना ज्यादा बढ़ गया है कि, शक के दायरे में आता है। मांग की गई है कि, इनकी बैलेंस शीट की फॉरेंसिक जांच हो जिससे पता चलेगा कि इनका इनपुट कम था और इन्होंने आउटपुट को सेट करने के लिए फर्जी बिल खरीदे।
- कंपनी के कामकाज के लिए अलग - अलग उपकरणों की खरीदी, सब्सिडी प्राप्त करने में भी घोटाला किया गया है। फैक्टरी से मशीनें, कहीं और भेज दी गई और अन्य कंपनी में उपयोग किए गए। जो उपकरण अन्य जगह भेजे गए थे शिकायत बाद उनमें से कुछ वापस लाए गए भी हैं।
- सीहोर स्थित जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्टस कंपनी के परिसर में दुग्ध उत्पाद बनाने वाली AVNI FOOD'S (अवनी फूड्स) के नाम से भी एक कंपनी संचालित की जाती रही है जिसका बिजनेस साल 2019 में क्लोज किया जा चुका है। इस कंपनी का CTE-41793 और PCB ID 108073 हैं। फैक्ट्री द्वारा अनुपचारित केमिकलयुक्त घातक अपशिष्ट पदार्थ सीवन नदी, भगवानपुरा तालाब, अन्य खेतों में छोड़ा गया तब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योग बंद करने के निर्देश पर बिजली विभाग द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी।
- बताया गया है कि, सिर्फ जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्टस कंपनी का बिजली कनेक्शन काटा गया था। फैक्ट्री के मालिक बिजली कनेक्शन काटे जाने के बाद भी "अवनी फूड्स" के बिजली कनेक्शन और अन्य जनरेटर का उपयोग कर धड़ल्ले से बेखौफ होकर फैक्ट्री का संचालन करते रहे। जब जब बिजली कनेक्शन कट गया तब तब इन्होंने इसी प्रकार फैक्ट्री का संचालन किया। इस खेल में बिजली विभाग सहित स्थानीय प्रशासन के अफसर भी संलिप्त थे।
- मिल्क प्रोडक्ट्स बनाने के लिए अवनी फूड्स (AVNI FOOD'S) के नाम से 33 KV का एक बिजली कनेक्शन जिसकी Bill ID H4329157922 हैं विद्युत विभाग से लिया गया था। अवनी फूड्स 2019 में बंद हो जानें के बावजूद भी उक्त बिजली कनेक्शन का उपयोग किशन मोदी द्वारा किया जाता रहा है। हर माह लाखों रुपए बिल आ रहा है। इसके अलावा उद्योग परिसर में बड़े - बड़े जेनरेटर भी है जिनका उपयोग उत्पादन कार्य में किया जाता है। यह सम्पूर्ण मामला जांच और कार्यवाई का विषय हैं।
- किशन मोदी द्वारा स्वयं का पासपोर्ट बनाने में भी आपराधिक प्रकरण को छिपाया गया है। इस आधार पर इनका आसानी से पुलिस क्लियरेन्स हो जाता है।
- किशन मोदी द्वारा विभिन्न डेयरी उत्पादों की फर्जी लैब रिपोर्ट्स बनाने के साथ साथ किशन मोदी द्वारा स्वयं की शैक्षणिक योग्यता की स्नातक डिग्री B.Com. (बी.कॉम.) भी फर्जी बनाई गई है। उक्त स्नातक डिग्री की शैक्षणिक योग्यता का उपयोग इनके द्वारा विभिन्न देशों के वीज़ा बनाने में उपयोग की गई हैं (USA, EUROPE etc.)। स्नातक की यह फर्जी डिग्री जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के नाम से बनाई गई हैं।
- जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट प्रा.लि. कंपनी द्वारा बनाये गये प्रोडक्ट Frozen Paneer को Multinational Company DOMINOS (डोमीनोस नागपूर, अहमदाबाद, मुंबई) द्वारा खरीदा जाता था। सैम्पल का परीक्षण किया गया तब प्रोडक्ट अमानक पाये गए, इसके बाद DOMINOS द्वारा सारा Stock JGF को वापस कर दिया गया।
- किशन मोदी और इनके पिता राजेन्द्र प्रसाद मोदी अधिक मुनाफा कमाने के लिए लोगों की जान की परवाह किए बगैर, विगत दो दशकों से मिलावटी दुग्ध उत्पाद बनाकर उन्हें बेचने का कुत्सित कृत्य कर रहे हैं। पकड़े जाने पर इनके विरुद्ध गंभीर धाराओं में राजस्थान के धौलपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में साल 2007 में एफआईआर (क्रमांक 86/2007 धारा के 420,407,452,323,143 के अंतर्गत) दर्ज है।
- किशन मोदी राजस्थान वाले मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय से 2007 से ज़मानत पर चल रहे थे। इस केस में किशन मोदी कुछ माह जेल में भी रहें हैं। आरोप है कि, तथ्यों, गवाहों, सिस्टम को मैनेज किया गया और जिला कोर्ट से किशन मोदी बच निकला। सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत का कहना है कि, 'मेरे द्वारा उक्त केस का अध्ययन किया गया है जिसमे पर्याप्त सबूत हैं, जल्द ही इस केस को मैं उच्च न्यायालय राजस्थान में पुनः ओपन करने के लिए आग्रह करूंगा।'
- देश - विदेश में इनके उत्पाद विभिन्न जांचों में घटिया और मिलावटी पाए गए हैं। Tamil Nadu Cooperative Milk Producers Federation Limited(TNCMPF) ने भी FSSAI को 1870 मीट्रिक टन अमानक बटर के संबंध में जानकारी दी है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की जांच में किशन मोदी की इस फैक्ट्री के 2 दर्जन से ज्यादा सैंपल जांच में अमानक और मिलावटी पाए गए। FSSAI ने इनका लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिया था। FSSAI ने कहा है कि इनके खाद्य पदार्थ मिलावटी और घटिया होने के साथ साथ धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले भी है। आरोप है कि, FSSAI, स्थानीय प्रशासन के भ्रष्ट अफसरों ने उचित कार्यवाई नहीं की और पूरे मामले को दबा दिया।
- बिरगांव, रायपुर छत्तीसगढ़ स्थित, काशी एग्रो फूड्स जो की किशन मोदी के रिश्तेदार शिवम गोयल की है जिस पर खाद्य विभाग ने छापा डालकर दिनांक 30 दिसंबर 2024 को 2500 किलो नकली पनीर, दूध पावडर, वनस्पति घी, नारियल तेल, जब्त किया था। यही व्यक्ति सीहोर में स्थित जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की रायपुर स्थित ब्रांच (रायपुर डिपो) का काम देखता आया है। यह पूरा मामला जांच का विषय है।
- कंपनी के मालिकों द्वारा अन्य कंपनी सांची, अमूल, नोवा, इत्यादि सहित अन्य Unbranded घी भी बहुत ही बड़ी मात्रा में खरीदे गए है जबकि जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खुद भी घी के उत्पादन का कार्य करती है। सीधे सांची, आमूल (दुग्ध संघ) से घी ना खरीदकर विभिन्न ट्रैडर से घी खरीदना बड़ा ही आश्चर्य एवं जांच का विषय है। साथ ही यह भी बड़ा आश्चर्य का मामला है कि, घी उत्पादक कंपनी अन्य कंपनी का घी आखिर क्यों खरीद रही है।
- कंपनी के मालिकों द्वारा विभिन्न कंपनी जैसे BUDGE BUDGE Refineries Itd Kolkata, दुर्गा एजेंसी, स्नेह नगर इंदौर, श्री आनंद ऍग्रो ऑइल्स इंदौर, श्री आनंद ऑइल कॉर्पोरेशन ग्वालियर इत्यादि से बहुत ही बड़ी मात्रा में, रिफाइन्ड पाम ऑइल (Premium), रिफाइन्ड पाम ऑइल (Blue Cream) आदि खरीदे गए। इतनी बड़ी बड़ी मात्र में इन रिफाइन्ड तेल का खरीदा जाना गंभीर जांच का विषय है।
- सबसे बड़ा आरोप यह है कि, आमजन को दुग्ध उत्पादों की आड़ में धीमा जहर बेचकर करोड़ों-अरबों रुपये की अकूत संपत्ति अर्जित की गई है। आयकर विभाग, जीएसटी विभाग, खाद्य विभाग के छापे भी इनके ऊपर पड़े हैं, जिसमे करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी भी पकड़ी गई हैं।
- जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक किशन मोदी सहित अन्य द्वारा 2024 में भी विभिन्न उत्पादों की फर्जी लैब रिपोर्ट्स बनाकर घटिया मिलावटी दुग्ध उत्पाद बेचें गए। स्पष्ट हैं कि वर्षों से स्वयं किशन मोदी व अन्य डायरेक्टरों द्वारा अत्यधिक धन की लालसा में, फर्जी लैब रिपोर्ट्स बनाने का फर्जीवाड़ा किया जाता रहा है।
किशन मोदी ने मीडिया के सामने आकर कहा :
मेरी पत्नी ने सुसाइड अटैम्प्ट किया है। आरटीआई एक्टिविस्ट भगवान सिंह राजपूत ने मुझसे पांच करोड़ रुपए की डिमांड की है। धमकी दी गई है कि, अगर पैसा नहीं दिया तो मेरी कंपनी को बर्बाद कर देगा। यह सभी फेक रिपोर्ट सुनील त्रिपाठी ने बनाई है। इसके बावजूद ईओडब्ल्यू की रेड हुई। अब ईडी ने भी रेड डाली है। सुनील त्रिपाठी और वेद प्रकाश, भगवान सिंह को फंड देते थे। मेरी हाजीपुर वाली फैक्ट्री पर भी कब्जा कर लिया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत ने किशन मोदी आरोपों पर कहा, यह बहुत गंभीर और बहुत बड़ा मामला है जिसमें व्यापक स्तर पर गहन जांच आवश्यक हैं। जितना सोचा जा रहा है उससे कई गुना बड़ा यह विषय हैं, गड़बड़ी हैं। EIA के इंदौर, चेन्नई, मुंबई इत्यादि सभी कार्यालयों सहित अन्य संबंधित सभी कार्यालयों से दस्तावेज मंगाकर फैक्ट्री संचालन सालों से आज दिनांक तक सभी दस्तावेज की जांच करना चाहिये।
एटॉमिक एनर्जी विभाग के द्वारा जारी की गई विभिन्न उत्पादों की रेडियोएक्टिविटी प्रमाण पत्रों की भी जाँच आवश्यक हैं। वेटनेरी विभाग द्वारा जारी प्रमाण पत्रों की भी जाँच आवश्यक हैं। एक दशक के उत्पादन, ख़रीदी-बिक्री, स्टॉक, बैंक लोन इत्यादि संपूर्ण मामलो की गहन जाँच ज़रूरी है।
किशन मोदी सहित अन्य डायरेक्टरों द्वारा पिछले एक दशक से बिना किसी डर के तमाम नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर गंभीर अनियमितताएँ की जा रही है। जिससे फैक्ट्री के आसपास के किसान ग्रामीण जन त्रस्त हैं। ग्रामीण किसानों द्वारा अनेक शिकायतें की गई। किसानों की फ़सले बर्बाद हुई, पशु मारे गए, ग्रामीण किसान गंभीर बीमारी की चपेट में आए, कुछ की मृत्यु हुई लेकिन कोई उचित कार्यवाही इनके विरुद्ध नहीं हुई थी।
मेरे द्वारा जनहित में, किसान हित, राष्ट्रहित में विभिन्न एजेंसियों को किशन मोदी सहित अन्य डायरेक्टरों द्वारा जानबूझकर की जा रही गंभीर अनियमितताओं, मिलावट को लेकर पीएम कार्यालय से लेकर तमाम एजेंसियों को शिकायत की गई। जिस पर एजेंसियों ने मामला दर्ज किया, एजेंसियों ने कार्यवाही की। चूकीं अब किशन मोदी की काली करतूते सबके सामने उजागर हो गई हैं जिससे उनका मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं लग रहा हैं। किशन मोदी द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप पूर्णतः झूठे और निराधार हैं। इन झूठे आरोपों का जवाब में अपने अधिवक्ता के माध्यम से दूँगा।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर लगाए गए आरोपों पर सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत ने कहा, 'जिस व्यक्ति ने केंद्रीय मंत्री को नहीं छोड़ा तो मैं तो बहुत छोटा आदमी हूँ। इन लोगों पर तो विभिन्न नियमों, विभिन्न एक्ट का उल्लंघन करने पर अनेक मामले बनते है, जिन्हें दर्ज नहीं किया गया है। उन मामलो में भी कार्यवाही कर शासन-प्रशासन को विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज करना चाहिए। अन्याय अत्याचार के विरुद्ध मेरा संघर्ष जारी रहेगा।
केंद्रीय मंत्री पर ये हैं आरोप :
पायल मोदी ने अपने सुसाइड लेटर में एलजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान समेत चंद्र प्रकाश पांडे, वेद प्रकाश पांडे, सुनील त्रिपाठी, भगवान सिंह मेवाड़ा, हितेश पंजाबी को उनकी हालत का जिम्मेदार बताया है। पायल मोदी ने भगवान सिंह मेवाड़ा का नाम भी लिया है जिनकी शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की थी। EOW की FIR के बाद ED ने मामले में एंट्री ली थी। चन्द्रप्रकाश पांडे चिराग पासवान के जीजा है और वेद प्रकाश पांडे, चन्द्र प्रकाश पांडे के छोटे भाई।
ईडी जांच में खुलासा हुआ है कि, जयश्री कंपनी द्वारा उपयोग किए गए प्रमाण पत्र या तो मूल रूप से अन्य कंपनियों को जारी किए गए थे या जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए थे। अब तक की जांच के दौरान, 63 जाली प्रयोगशाला प्रमाणपत्रों की पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल विभिन्न देशों के साथ-साथ घरेलू खपत के लिए मिलावटी दूध उत्पादों के निर्यात के लिए किया गया था।
करोड़ों रुपये की संपत्ति समेत लग्जरी कारें जब्त :
तलाशी अभियान के दौरान, कंपनी या उसके निदेशकों के नाम पर लगभग 6.26 करोड़ रुपये की सावधि जमा (एफडी) के रूप में चल संपत्तियां पाई गईं, जिन्हें फ्रीज कर दिया गया और 25 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई, साथ ही BMW और फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी कारें भी जब्त की गईं। इसके अलावा, 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए।