इंदौर: MBA और BE वालों की फर्जी एडवाइजरी कंपनी का पर्दाफाश, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

Update: 2025-01-24 14:00 GMT

Fake Advisory Company Exposed in Indore : मध्य प्रदेश। इंदौर के विजयनगर इलाके में क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने एक बड़ी छापामारी की है। इस छापेमारी में उन्होंने एक फर्जी एडवाइजरी कंपनी होनस्ट टेक्नोलॉजी (Honest Technology) पर कार्रवाई की।

यह कंपनी स्कीम नंबर 54 स्थित कृष्णा बिजनेस सेंटर के फ्लैट नंबर 408 से संचालित हो रही थी। कार्रवाई धार जिले के एक युवक की शिकायत पर की गई जिसने आरोप लगाया था कि यह कंपनी सेबी (SEBI) से मान्यता प्राप्त नहीं है और ग्राहकों को ठगने के लिए धोखाधड़ी कर रही है।

फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल

क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त डीसीपी राजेश दंडोतिया (Rajesh Dandotia) के अनुसार, आरोपी जोइपर सॉफ्टवेयर और फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर ग्राहकों से संपर्क करते थे। इन आरोपियों ने वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर (Virtual Contact Number) का सहारा लिया था, जिससे यह पता लगाना मुश्किल था कि वे असली हैं या नहीं। एक पीड़ित बदनावर निवासी ऋषभ (Rishabh) ने बताया कि उसने सेबी से रजिस्टर्ड QR कोड और यूपीआई (UPI) के जरिए इन्वेस्टमेंट के रूप में भुगतान किया था, लेकिन बाद में आरोपियों ने संपर्क बंद कर दिया।

1 हजार से ज्यादा लोगों से ठगी का प्रयास

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में कंपनी के मालिक अमित खंडूजा, पार्टनर राहुल चौधरी, मैनेजर महिपाल सिंह और कर्मचारी सूरज मालवीय को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों पर बीएनएसएस की धाराओं 318(4), 316(5), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी अमित खंडूजा ने एमबीए (MBA) किया है और पहले प्राइवेट नौकरी करता था, जबकि उसके साथी राहुल चौधरी बीई (BE) इंजीनियर है। महिपाल सिंह 12वीं पास है और सूरज मालवीय बीकॉम (BCom) ग्रेजुएट है, जो पहले भी एक एडवाइजरी कंपनी में काम कर चुका था।

ये सामान जब्त

पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 मोबाइल , 6 लैपटॉप , 2 सीपीयू  और कई फर्जी सिमकार्ड (Fake SIM Cards) बरामद किए हैं। जांच में यह सामने आया कि आरोपियों ने लगभग 1 हजार लोगों से संपर्क किया था और उन्हें ठगने की योजना बनाई थी।


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