नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। तनाव आज हर मनुष्य के जीवन का हिस्सा बन चुका है और यही तनाव बीमारियों की जड़ भी है। हृदय रोग के सबसे बड़े कारणों में से एक तनाव भी है। तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन निकलते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली को खराब कर देते हैं। इसलिए आज तनावमुक्त रहने के प्रयास करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए विशेषज्ञ योग और व्यायाम को बेहतर उपाय बताते हैं।
क्यों मनाते हैं : हृदय रोगों के प्रति जागरूकता लाने और हृदय सम्बन्धी रोगों से बचाव के उद्देश्य से पूरी दुनिया में हर साल 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। आंकड़े बताते हैं कि पूरे विश्व में हर साल लगभग 1 करोड़ लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है और इनमें से आधे तो अस्पताल पहुँचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि इसके प्रति जागरूकता नहीं बढ़ी तो 2020 तक हर तीसरे व्यक्ति की मौत का कारण हृदय रोग होगा।
कब हुई शुरुआत : विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरुआत 2000 से हुई और ये तय किया गया कि हर साल सितम्बर महीने के आखिरी रविवार को इसे मनाया जाएगा लेकिन 2014 में इसमें बदलाव करते हुए हर साल की 29 सितम्बर को मनाने का फैसला लिया गया। तभी से 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
हृदय रोग के कारण : हृदय रोग के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है हमारी अव्यवस्थित दिनचर्या, खानपान, तनाव आदि। अधिकांश मरीजों में हृदय रोग का मुख्य कारण तनाव पाया गया है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर भी इसकी मुख्य वजह मानी जाती है।
दिल को स्वस्थ रखने के उपाय : अपनी दिनचर्या में थोड़ा समय व्यायाम के लिए निकालें , प्रतिदिन कम से कम आधा घंटे व्यायाम करना हृदय के लिए अच्छा माना गया है। समय की कमी है तो आप टहल भी सकते हैं। लोगों का अधिकतर समय कार्य स्थल या कार्यालय में निकलता है ऐसे में अपनी कार्यप्रणाली को व्यवस्थित रखें। सेहत के अनुरूप शुद्ध और पौष्टिक आहार लें। नमक के सेवन कम मात्रा में करें। कम वसा वाले आहार लें। ताजी सब्जियां और फल खाएं । समय पर नाश्ता और भोजन करें। तम्बाकू और अन्य व्यसनों से दूरी बनाये रखें। एक ही अवस्था में अधिक समय तक बैठे रहना हृदय के लिए खतरनाक हो सकता है।