विश्व हेपेटाइटिस दिवस : दुनिया भर में एचआईवी के पीड़ितो की तुलना मे 10 गुना अधिक
नई दिल्ली। हेपेटाइटिस की बीमारी भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में 33 फीसदी हेपेटाइटिस-बी इंफेक्शन और 42 फीसदी हेपेटाइटिस-सी इंफेक्शन के लिए असुरक्षित इंजेक्शन जिम्मेदार है। दुनिया भर में मौजूदा समय में करीब 40 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हैं और यह लीवर फेल्योर और कैंसर का मुख्य कारण है। इनमे से सबसे ज्यादा लोग हेपेटाइटिस बी के वायरस से इंफेक्टेड हैं। वायरल हेपेटाइटिस का कहर इस कदर बढ़ चुका है कि आज इससे पीड़ित लोगों की संख्या दुनिया भर में एचआईवी के पीड़ितो की तुलना मे 10 गुना अधिक है। इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए ही हर साल आज के दिन यानी 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है।
हम आपको बता दें कि हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमे लीवर (यकृत) में सूजन हो जाती है। यह आगे चलकर लीवर कैंसर का कारण भी बन जाता है। इसके साथ ही हेपेटाइटिस होने पर शरीर में कई तरह की तकलीफे भी हो सकती है। हाल ही में प्रकाशित की गई वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों में हेपेटाइटिस का असर उनकी फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। यानि हेपेटाइटिस पुरुषों में बांझपन का कारण भी बन सकता है।
किन कारणों से होता है हेपेटाइटिस -
हेपेटाइटिस बीमारी कई तरीको से फैल सकती है। आइये जानते है -
1. हेपेटाइटिस A दूषित खान पान या संक्रमित व्यक्ति के संक्रमन मे आने से होता है।
2. हेपेटाइटिस B संक्रमित ब्लड या अन्य तरल पदार्थ शरीर मे जाने से होता है।
3. हेपेटाइटिस C इस्तेमाल किए हुए इंजेक्सन को दोबारा इस्तेमाल करने से होता है।
4. हेपेटाइटिस D और E हवा मे फैले वाइरस के शरीर मे जाने से होता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
इन सभी वायरस के शुरुआती लक्षण लगभग समान हैं. जो इस बीमारी के वायरस की पहचान को मुश्किल बनाता है. इसके लक्षणों में पीलिया, सफेद या काली दस्त, अतिसंवेदनशील त्वचा, गहरे रंग की पेशाब, भूख मिट जाना, अपच और उल्टी, पेट में दर्द, पेट में सूजन, थकान, फ्लूड रिटेंशन जैसे लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इन लक्षणों के अलावा बीमार महसूस करना, अक्सर सिरदर्द होना, चिड़चिड़ापन बढ़ना, अचानक शरीर नीला पड़ना या खून आना भी लिवर में खराबी के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों को पहचान कर समय पर चिकित्सक की सलाह इस गंभीर संक्रमण से बचने में सहायक हो सकती है।
इसके वायरस से कैसे बचे
कुछ भी खाने से पहले हाथों को साबुन से जरूर धुले ।
- अस्वच्छ व अशुद्ध पानी न पिएं।
- सड़कों पर लगे असुरक्षित फूड स्टालों के खाद्य पदार्र्थों से परहेज करे
- हेपेटाइटिस ए से बचाव के लिए टीका (वैक्सीन) भी उपलब्ध है। इस वैक्सीन को लगाने के बाद आप ताउम्र हेपेटाइटिस ए से सुरक्षित रह सकते हैं।
- हेपेटाइटिस ई की वैक्सीन के विकास का कार्य जारी है, जिसके भविष्य में उपलब्ध होने की संभावना है।
- अस्पतालो मे एक बार इस्तेमाल किया जा चुके इंजेक्सन को दोबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।