रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक दल के नेता चंपाई सोरेन ने शुक्रवार दोपहर 12:21 बजे राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें राज्य के छठे मुख्यमंत्री के रूप में राजभवन के दरबार हॉल में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद के विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। अब नव मनोनीत मुख्यमंत्री को दस दिनों के अंदर बहुमत साबित करना होगा।
राजभवन के दरबार हॉल में बैठे सभी लोगों ने पहले राष्ट्रगान गाया। इसके बाद राज्यपाल की अनुमति से शपथ समारोह शुरू हुआ। इसके पूर्व चंपाई आज सुबह शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह शपथ लेने से पहले गुरुजी और माताजी का आशीर्वाद लेने गए थे। उन्होंने शिबू सोरेन और रूपी सोरेन दोनों को अपना आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि वे शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में शामिल हुए थे। वे उनके गुरु हैं। इसलिए आशीर्वाद लेने गए थे।
दरअसल, जमीन घोटाले मामले में बुधवार को ईडी ने पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को हिरासत में ले लिया। इसके बाद शाम को हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। फिर गठबंधन के विधायकों ने चंपाई सोरेन को अपना नेता चुना। गुरुवार रात 11:00 गठबंधन और झामुमो के नेता चंपाई सोरेन, कांग्रेस के आलमगीर आलम, राजद के सत्यानंद भोक्ता, वाम दल के विनोद सिंह और प्रदीप यादव राजभवन पहुंचे और राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। साथ ही 43 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा। देर रात राजभवन ने गठबंधन के नेता चंपाई सोरेन को राज्य का कार्यवाहक मुख्यमंत्री मनोनीत किया और शपथ ग्रहण करने का आमंत्रण दिया।
बहुमत साबित करने का मौका -
राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के बाद दस दिनों के अंदर बहुमत साबित करने को कहा है। बताया जाता है कि शपथ ग्रहण के बाद विशेष सत्र बुलाया जाएगा। विशेष सत्र पांच जनवरी को संभावित है। इसी दिन बहुमत साबित कर लिया जाएगा। फ्लोर टेस्ट के बाद राज्य में दो उप मुख्यमंत्रियों को शपथ दिलाए जाने की भी संभावना है। इनमें कांग्रेस से आलमगीर आलम और झामुमो से बसंत सोरेन के नाम की चर्चा है।