भारत में होगा विश्व का सबसे महंगा आम चुनाव, जानिए निर्वाचन आयोग और राजनीतिक दलों कहां बहाते है पैसा ?
लोकसभा चुनाव में 1.20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो सकते हैं।
नईदिल्ली। देश में आम चुनाव की घोषणा हो गई है। 543 लोकसभा सीटों के लिए 7 चरणों में मतदान होगा। 46 दिनों तक चलने वाले इस चुनावी समर के लिए निर्वाचन आयोग ने खर्चों को लेकर नियमावली जारी कर दी है। बताया जा रहा है की इस बार का चुनाव भारत के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव होगा। आइए हम आज आपको बताते हैं कि चुनाव आयोग किन चीजों पर और उम्मीदवार- पार्टियां कहां-कहां और कितना खर्च करती हैं।
चुनावी खर्चों की बात करे तो देश के पहले आम चुनाव में करीब 10 करोड़ रुपए का खर्च हुए थे लेकिन समय के साथ खर्च बढ़ता चला गया। अब ये राशि हजारों करोड़ में पहुंच गई है। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के अनुमान के अनुसार साल 2024 के इस लोकसभा चुनाव में 1.20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो सकते हैं। जबकि साल 2014 के चुनाव में ये खर्च करीब 30 हजार करोड और 2019 में 60 हजार करोड़ था। पिछले चुनावों में भारत में जितना रूपया चुनावों में खर्च हुआ है वह कई देशों किन जीडीपी के बराबर है।
चुनाव आयोग के खर्चे -
चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ईवीएम और चुनाव सामग्री खरीदने, पोलिंग पार्टियों को लाने-ले जाने, मतदान केंद्रों में सुविधा एवं सुरक्षाबलों की तैनाती पर खर्च करता है।
ऐसे बंटता है चुनाव आयोग का खर्च -
- लोकसभा चुनाव में चुनाव आयो के खर्चे केंद्र सरकार उठाती है।
- विधानसभा चुनाव का खर्च राज्य सरकारें उठाती हैं।
- लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ होने पर खर्च केंद्र और राज्य में बंट जाता है।
राजनीतिक दलों के खर्चे -
राजनीतिक दल तीन चीजों पार्टी का प्रचार, उम्मीदवारों का क्षेत्रीय प्रचार और स्टार प्रचारकों की यात्रा पर खर्चा करती है। 2019 के आम चुनाव राजनीतिक दलों ने सिर्फ प्रचार में ही लगभग 1500 करोड़ खर्च किए थे। जिसमें भाजपा ने सबसे ज्यादा 650 करोड़ तो कांग्रेस ने 476 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वहीँ स्टार प्रचारकों के खर्चे की बात करें तो इसमें भी भाजपा आगे है। साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने स्टार प्रचारकों के ऊपर करीब ढाई सौ करोड़ रुपए खर्च किए थे।
चुनाव आयोग ने तय की खर्च सीमा -
चुनाव आयोग ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के खर्च की 95 लाख रुपए सीमा तय की है। उम्मीदवार को नामांकन के दिन से अपने खर्चों का हिसाब आयोग को देना होगा।