Vote Counting Process: मतदान के बाद कैसे होती है वोटों की गिनती, जानें काउंटिग प्रोसेस क्या है
Vote Counting Process: कही भी चुनाव होने के बाद उसके वोटों की गिनती की पूरी प्रक्रिया होते है। जिसके बाद परिणाम की घोषणा की जाती है। जानिए क्या है काउंटिंग प्रोसेस।
Vote Counting Process: मतदान के बाद वोटों की गिनती के लिए चुनाव आयोग के लिए एक स्पेशल केंद्र बनाया जाता है जहाँ काउंटिंग वाले दिन वोटों की गिनती की जाती है। काउंटिंग केंद्र पर केवल जरूरी स्टाफ ही मौजूद होते है बाकी किसी को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। आपको बता दें कि मतदान वाले दिन वोटिंग बूथ पर जब वोटर अपने वोट अपने उम्मीदवार को डाल देता है उसके बाद उनके मतपत्रों को इकट्ठा कर लिया जाता है। और उन्हें तुरंत सुरक्षित तरीके से अलग-अलग पोलिंग स्टेशनों से लेकर निर्वाचन कार्यालयों में लाया जाता है। जहाँ उन मतपत्रों को काउंटिंग वाले दिन तक सुरक्षित रखा जाता है।
कैसे होती है वोटों की गिनती
आपको बता दें कि वोटों की गिनती के लिए एक स्पेशल टीम चुनाव आयोग द्वारा बनाई जाती है। काउंटिंग वाले दिन सभी स्टाफ अपने आवश्यक उपकरण लेकर काउंटिंग केंद्र पर मौजूद होते हैं। वोटों की गिनती के समय किसी तरह की अराजकता न फ़ैल सके इसके लिए सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जाती है। जब वोटों की गिनती शुरू होती है, तो सबसे पहले ईवीएम और वीवीपैट की जांच की जाती है. ताकि यह पता चल सके कि उनकी स्थिति सही है यह नहीं।
कई काउंटिंग टेबल पर होती है गिनती
जिस जगह पर वोटों की गिनती होती है वहां कई सारे टेबल लगे होते है। अलग-अलग टेबल पर अलग-अलग उम्मीदवारों के लिए वोटों की गिनती की जाती है। वहीं वोटों की गिनती के लिए एक विशेष टीम होती है। उन टीमों में चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी होते हैं।
नोटा वालों वोटों का क्या होता है
लगभग हर किसी को पता होता है कि ईवीएम मशीन पर एक नोटा बटन का ऑप्शन होता है। जिसमें वोटर के पास यह ऑप्शन दिया जाता है की वह 'इनमें से कोई नहीं ' यानी (नोटा) का विकल्प चुन सके। इस नोटा बटन के वोट से किसी के हार जीत पर असर नहीं पड़ता लेकिन अगर किसी चुनाव में चाहे लोकसभा हो या राजयसभा वहां नोटा 50 फीसदी पड़ जाये तो वहां चुनाव रद्द हो जाता है।