अमित शाह ने मणिपुर के हिंसक गुटों को दी चेतावनी, SoO समझौता टूटा तो होगी कार्रवाई

न्यायिक आयोग करेगा मणिपुर हिंसा की जांच

Update: 2023-06-01 12:34 GMT

नईदिल्ली/वेबडेस्क। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मणिपुर हिंसा के लिये न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस इस आयोग का नेतृत्व करेंगे। साथ ही राज्यपाल की अगुआई में शांति समिति बनाने का भी ऐलान किया गया है। शाह का कहना है कि इस समिति में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा। उन्होंने बताया कि भारत-म्यांमार सीमा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए म्यांमार के साथ लगती भारत की सीमा पर बाड़ (फेंसिंग) लगाने का काम पूरा किया जाएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री वर्तमान में मणिपुर के दौरे पर हैं। यह पूर्वोत्तर राज्य पिछले एक महीने से दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प का सामना कर रहा है। राज्य में शांति बहाली और कानून- व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्री वहां पहुंचे हैं। आज उन्होंने इस संबंध में इंफाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।पत्रकार वार्ता में उन्होंने राज्य के लोगों को निष्पक्ष जांच और अपराधियों को दंडित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर वासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी प्रकार के पक्षपात और भेदभाव के बगैर जांच की जाएगी और दोषियों को दण्डित किया जाएगा।”

SoO समझौते की शर्तों का पालन कीजिए 

साथ ही उन्होंने हिंसा में लिप्त लोगों और संगठनों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वे ऐसे समूहों को भी एक कठोर संदेश देना चाहते हैं कि संधि का किसी भी प्रकार का उल्लंघन, किसी भी प्रकार का बदलाव होने पर सख्ती से संज्ञान लिया जाएगा और इसे संधि भंग करना माना जाएगा। समझौते की शर्तों का पालन कीजिये। दरअसल, साल 2008 में केंद्र सरकार और यहां के 25 अलगाववादी गुटों के बीच एक समझौता हुआ था। जिसके तहत इनके खिलाफ कोई भी सेना या पुलिस ऑपरेशन नहीं चलाएगी. इसके बदल में KNO और UPF जैसे गुट हैं ये आजाद तो हैं मगर भारत का कानून मानेंगे. भारत के संविधान को मानेंगे. इस पैक्ट में एक और बात कही गई कि अगर कोई इस ग्रुप से अलग होना चाहता है तो वो सरकार से मिलकर अलग हो सकता था। इसके जो मिलिटेंट होंगे वो एक शिविर में ही रहेंगे। इनके पास जो हथियार होंगे वो डबल लॉक सिस्टम में रखें जाएंगे।  ये उन हथियारों का उपयोग केवल अपने लीडर की सुरक्षा और अपने शिविर की सुरक्षा के लिए करेंगे. ये कुछ बड़ी बातें थीं जो इस पैक्ट में थी।  

10 लाख रूपए का मुआवजा - 

हिंसा की घटनाओं के विषय पर गृहमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही एक राहत और पुनर्वास पैकेज की घोषणा की । उन्होंने कहा कि देश के नागरिक की जान जाती है तो हम सभी को दुख होना स्वाभाविक है। हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये केंद्र सरकार और 5 लाख रुपये मणिपुर सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। यह राशि सीधे पीड़ितों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी।गृह मंत्री ने बताया कि सीबीआई मणिपुर हिंसा के पीछे आपराधिक और सामान्य साजिशों की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि सभी दर्ज मामलों में से 6 मामलों की जांच सीबीआई का एक विशेष दल करेगा। यह जांच भारत सरकार के तत्वाधान में की जाएगी। उन्होंने कहा कि गलतफहमी की वजह से हिंसा हुई है। राज्य विकास के रास्ते पर चल पड़ा था। पिछले छह साल में विकास के बहुत काम भी हुए हैं।

 11 राजनीतिक दलों और खिलाड़ियों के साथ भी बैठक

शाह ने मणिपुर में जारी संकट का समाधान संवाद को बताते हुए कहा कि उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों से मुलाकात की है। मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। अस्थाई कैंपों का दौरा किया है। नागरिकों के प्रतिनिधि मंडल और कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की है। महिला प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों के साथ भी शांति स्थापना के लिए चर्चा हुई है। 11 राजनीतिक दलों और खिलाड़ियों के साथ भी बैठक की है।इस दौरान उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि कृपया अफवाओं पर ध्यान ना दें और राज्य में शांति बनाए रखें। शांति के कारण ही बीते छह साल से राज्य में विकास का एक युग चल रहा था।

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