मणिपुर में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट, पूछा लुटे हुए हथियार का क्या हुआ ?

मणिपुर में आज फिर हुई एक घटना में युवक की गोली मरकर हत्या कर दी।

Update: 2023-07-10 12:20 GMT

इंफाल।  मणिपुर हिंसा मामले पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। स्टेट्स जनरल तुषार मेहता ने कहा कि स्थिति सुधर रही है। इस समय किसी भी अफवाह से बचने की जरूरत है। तब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि इस रिपोर्ट को देखकर अपनी तरफ से सुझाव दें। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि सुरक्षा बलों और पुलिस से लोगों द्वारा लूटे गए हथियारों का क्या हुआ? उन्होंने कहा  सरकार इस पर कल जवाब देगी।  

तीन जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी। सुनवाई के दौरान मणिपुर ट्राइबल फोरम की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा था कि दो जुलाई की रात तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इनमें से एक आदिवासी का सिर धड़ से अलग कर दिया गया। सिर धड़ से अलग करने की ये पहली घटना है। ये विकट स्थिति है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केंद्रीय बलों की 114 कंपनियां तैनात की गई हैं। हालात सुधर रहे हैं। इसका मणिपुर ट्राइबल फोरम ने कड़ा विरोध किया। गोंजाल्वेस ने कहा था कि कुकी समुदाय पर हमले हो रहे हैं। सरकार नाकाम है। उसके बाद कोर्ट ने मणिपुर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। 

याचिका मणिपुर ट्राइबल फोरम ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने कोर्ट में जो आश्वासन दिया था, वो झूठा था। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार मणिपुर के मामले पर गंभीर नहीं है। याचिका में कहा गया है कि मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 17 मई को जो पिछली सुनवाई हुई थी उसके बाद से कुकी समुदाय के 81 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 31,410 कुकी विस्थापित हो चुके हैं। इस हिंसा में 237 चर्चों और 73 प्रशासनिक आवासों को जला दिया गया है। इसके अलावा करीब 141 गांवों को नष्ट कर दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री कुकी समुदाय को खत्म करने के सांप्रदायिक एजेंडे पर काम कर रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि मीडिया में रिपोर्ट दिखाई जा रही है कि दो समुदायों के बीच की लड़ाई है। ये तस्वीर पूरी तरह से गलत है। हमलावरों को सत्ताधारी दल भाजपा का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में जो लोग हमलावरों का समर्थन कर रहे हैं अगर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो शांति बहाली के सारे प्रयास बेमानी साबित होंगे।

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा 

इसी बीच आज फिर हिंसा की एक घटना सामने आई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिलों की सीमा पर स्थित दो गांवों में हुई। यहां मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की आधी रात से इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिलों की सीमा पर स्थित फेयेंग और सिंघदा गांवों में गोलीबारी की घटनाएं हुईं। झड़प की सूचना मिलने के बाद असम राइफल्स की अतिरिक्त टुकड़ियों को दोनों गांवों में भेजा गया। असम राइफल्स की भारी कार्रवाई से सोमवार सुबह गोलीबारी रुक गई। हालांकि दो प्रतिद्वंद्वी समुदायों के बीच गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक असम राइफल्स की मौजूदगी के बावजूद 10 जुलाई की सुबह सिंघड़ा गांव की पहाड़ियों की ओर फिर से अकारण गोलीबारी की गई। सिंघड़ा हिल्स की ओर चलाई गई गोलियों से और भी लोगों के हताहत होने की आशंका है। इस बीच बताया जा रहा है कि सेना और पुलिस ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

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