मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित, UPA काल से 5 गुना ज्यादा किया कृषि बजट
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "खाद, पानी, एमएसपी पर खरीद, बैंकों से सस्ते ऋण और मुआवजे पर पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने जितना किया है, वह आज से पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया।
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए सदा समर्पित रही है। गुरुवार को केंद्र सरकार ने जारी गतिरोध के बीच किसान संगठनों को बातचीत के लिए निमंत्रण दिया था। कई किसान नेता आए और बेहद सार्थक चर्चा भी हुई है। हमने मिलकर अगली वार्ता रविवार को रखी है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि रविवार को भी अच्छे माहौल में बातचीत होगी और हम मुद्दों के समाधान की ओर बढ़ेंगे।
किसान आंदोलन को लेकर संवाददाताओं से बातचीत में अनुराग ठाकुर ने कहा, "खाद, पानी, एमएसपी पर खरीद, बैंकों से सस्ते ऋण और मुआवजे पर पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने जितना किया है, वह आज से पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया। 2013-14 में जब यूपीए की सरकार थी, तब कृषि बजट 27 हजार 662 करोड़ रुपये था। अभी मोदी सरकार का कृषि बजट 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। यानी यूपीए काल से 5 गुना ज्यादा कृषि बजट। कांग्रेस के समय किसान सम्मान निधि नहीं थी, हमने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2 लाख 81 हजार करोड़ रुपये सीधा उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए हैं। यूपीए काल की फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को कुछ नहीं मिलता था। मोदी सरकार में डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसानों को मिला है। 10 हजार एफपीओ में से 8 हजार बन चुके हैं और इससे लाखों किसान भी जुड़ चुके हैं।"
एमएसपी की चर्चा करते हुए अनुराग ठाकुर ने आगे कहा , "कांग्रेस के समय में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन की कुल खरीददारी 5 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की हुई। मोदी सरकार ने 18 लाख 39 हजार करोड़ रुपये की खरीददारी की। यानी लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा। इससे पता चलता है की हमने दाम भी बढ़ाए और खरीदारी भी दोगुनी से ज्यादा की। उन्होंने कहा कि सिंचाई योजनाओं के लिए मोदी सरकार ने डेढ़ गुना ज्यादा यानी लगभग 15 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च किए। कांग्रेस के समय कृषि ऋण मात्र 7 लाख करोड़ रुपये के आसपास था, जिसे बढ़ाकर हमने 20 लाख करोड़ रुपये किया है। यह मात्र पिछले एक वर्ष का आंकड़ा है। कांग्रेस के समय एक्सपोर्ट 2 लाख 62 हजार करोड़ रुपये का था, हमने 4 लाख 27 हजार करोड़ रुपये का किया।"