सरकार पर भड़के राकेश टिकैत, कहा - आवाज उठाने वाले सांसदों को निलंबित और जनता को भेजा जा रहा जेल
नईदिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को यहां कहा कि जिन लोगों ने संसद में आवाज उठाई उन्हें निलंबित कर दिया गया है और जिन्होंने सड़कों पर आवाज उठाई उन्हें जेल भेजा जा रहा है।
किसान नेता दौरे के लिए जनपद श्रावस्ती जा रहे थे। इस दौरान जनपद में जिलाधिकारी आवास के बाहर किसान नेताओं ने राकेश टिकैत का स्वागत किया। इस दौरान संसद की सुरक्षा के चूक के मामले में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने यह कृत्य किया है उनके पास किसने बनवाएं। कोई तो हैं जो उन्हें अंदर लेकर गया।
हमारी एजेंसियां इतनी कमजोर नहीं है, हो सकता है यह जान बुझ भी किया गया हो। यह सरकार की जिम्मेदारी है और सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि जो सांसद संसद में आवाज उठाएगा तो उन्हें सस्पेंड किया जाएगा। अगर आम आदमी आवाज उठाता है तो उन्हें जेल भेजा जाएगा।देश में लोकतंत्र नहीं रहा है। यह देश गुलामी की तरफ जा रहा है। किसान नेता बोले कि यहां सरकार आम लोगों की नहीं बल्कि व्यापारियों की सरकार है। जो आवाज उठाएगी वह जेल में जाएगा या मारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी और वहां का हर्षा जंगल अदानी ग्रुप को दिया जा रहा है। जंगल काटे जा रहे हैं। जो लोग आदिवासी हैं जल, जंगल, और जमीन की बात करते हैं उन्हें नक्सलवादी बताकर जेल में डाला जा रहा है। कल भी वहां पर लाठीचार्ज हुई और लोगों को जेलो में डाला गया।
ईवीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का हारा हुआ कैंडिडेट जीत का सर्टिफिकेट लेकर गया। डेढ़ सौ से अधिक फर्जी सर्टिफिकेट दिया गया है। उसके बावजूद भी ना कोई कोट गया ना कोई इलेक्शन कमीशन गया। हारा हुआ कैंडिडेट भी भाजपा मुख्यालय गया। ईवीएम के बिना चुनाव होना चाहिए।
बकाया गन्ना भुगतान को लेकर किसान नेता ने कहा कि किसानों का डिजिटल भुगतान होना चाहिए। जब देश डिजिटल की ओर जा रहा है तो फिर किसानों का भी भुगतान डिजिटल रूप से होना चाहिए। लेकिन देश पर व्यापारी हावी है। यहां के लोगों से बात करेंगे। जमीनी मुद्दों को जानेंगे और संगठन को कैसे मजबूत किया जाए और उसे विस्तार दिया जाए। इसकी समीक्षा भी करेंगे।स्वागत के दौरान प्रदेश सचिव ओम प्रकाश वर्मा, जिलाध्यक्ष रामकुमार वर्मा, सरदार सुखविंदर सिंह, निवास वर्मा, गुरुवंत सिंह, गुरु प्रताप सिंह, मनकीरत सिंह, हरपाल सिंह, मुंशीराफ अहमद मौजूद रहे।