मेक इन इंडिया का बेहतर उदहारण बनी स्मार्टफोन इंडस्ट्री
भारत स्मार्टफोन विनिर्माण में विश्व में दूसरे स्थान पर है
नईदिल्ली। मोबाइल उपकरणों के युग में जहां बातचीत शॉर्ट मेसेजस और इमोजी तक सीमित हो गई है। वहीं आप वास्तविकता से कटे हुए घंटों स्वाइपिंग और टैपिंग में बिता सकते हैं। ऐसे में वास्तविक मानवीय संबंध की आवश्यकता किसे है? इसे हम प्रगति की सुंदरता मान सकतें या आधुनिकता को दोष दे सकते है।
आजकल हर किसी के हाथ में मोबाइल फोन देखने को मिलता है। इंटरनेट के जाल और एंड्रॉयड फोन ने हमारे जीवन को आधुनिकता से भर दिया है। फोन लगाने से लेकर ऑनलाइन भुगतान तक जाने कितने ही काम अपनी उंगलियों से मोबाइल की स्क्रीन पर कर सकते है। इसी आधुनिकता भरे अमृतकाल में भारत का विश्व में स्मार्टफोन निर्माता के रूप में उदय हुआ है। भारत स्मार्टफोन विनिर्माण में विश्व में दूसरे स्थान पर है।
स्मार्टफोन को असेंबल करना कोई बच्चों का खेल नहीं
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा की भारत में जो स्मार्टफोन को लेकर क्रांति हो रही है वह वास्तव में अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा की स्मार्टफोन को असेंबल करना कोई बच्चों का खेल नहीं है। मोहिन्द्रू ने कहा कि पीएलआई योजना [ परफारमेंस लिंक्ड इंसेंटिव ] से स्मार्टफोन निर्यात में वृद्धि में मददगार है और व्यापार करने में आसानी, टैरिफ संरचनाओं और श्रम कानूनों जैसी नीतिगत चुनौतियों में संशोधन की आवश्यकता भी है।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी जरूरी
वैसे तो भारत पहले से ही दुनिया के लिए स्मार्टफोन फैक्ट्री है लेकिन सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी जरूरी है ऐसे में सरकार को इस क्षेत्र में विशेषज्ञता पाने के लिए पहल करनी होगी। भारत स्मार्टफोन बनाने में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। कुल मिलाकर फोन का उत्पादन 300 मिलियन फोन है और भारत में 250 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन बनाए जाते हैं। जाहिर तौर पर भारत में निर्यात तेजी से तो बढ़ ही रहा है जो यह एक पूर्ण प्रतिमान बदलाव है।