Who is Pandit Laxmikant: कौन थे पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित जिन्होनें कराई थी राममंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा
Laxmikant Dixit: पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के निधन की खबर से सभी जगहों पर शोक की लहर है। बता दें कि पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का अंतिम संस्कार वाराणसी स्थित मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।
Pandit Laxmikant: उत्तर प्रदेश के अध्योध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा (Ram mandir Pranpratistha) करने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का देहांत हो गया है। उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली है। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे।
जानकारी के मुताबिक पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Pandit Laxmikant) राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले पुजारियों में से एक थे जिन्होंने 121 वैदिक ब्राह्मणों का नेतृत्व किया था। वहीं पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी साल 2021 में हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के लोकार्पण के पूजन में भी शामिल हुए थे। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के निधन की खबर से सभी जगहों पर शोक की लहर है। बता दें कि पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का अंतिम संस्कार वाराणसी स्थित मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।
कौन थे पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Pandit Laxmikant Dixit)
लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का पूरा नाम लक्ष्मीकांत दीक्षित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित था, उनका जन्म 1942 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था। उनके पिता वेदमूर्ति मथुरानाथ दीक्षित था और उनकी माता जी का नाम रूक्मिणी दीक्षित था, लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के बारे में कहा ये जाता है की उन्होंने काशी में वेदमूर्ति पंडित गणेश दीक्षित और वेदमूर्ति पंडित मंगल जी के सानिध्य में रहकर सान्निध्य में शुक्लयजुर्वेद का मूल से अष्टविकृति पर्यन्त, श्रौत-स्मार्त यागों का अध्ययन किया था। शुक्ल यजुर्वेद के शीर्ष विद्वान वेदमूर्ति लक्ष्मीकांत के बहुत से शिष्य विश्व के अनेक भागों में वेदसेवा में संलग्न हैं।
Pandit Laxmikant Dixitराष्ट्रीय पुरस्कार से हुए सम्मामित
बता दें कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 16 जनवरी से ही शुरू हो गया था, जिसके अनुष्ठान के लिए पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी मुख्य पुजारी के रूप में थे। इस दौरान लक्ष्मी कांत जी ने पीएम मोदी को एकसूत्र में बांधने का काम किया था। साथ ही पंडित लक्ष्मीकांत जी के नाम और भी ख्यातियां प्राप्त है, उन्होंने भारत के अलावा नेपाल देश और अनेक शहरों में मंदिरों के वैदिक अनुष्ठानों में मुख्य आचार्य के रूप में रहें हैं। इसके साथ ही वे वेदसम्राट, वैदिक भूषण, वैदिक रत्न, देवी अहिल्या बाई राष्ट्रीय पुरस्कार सहित प्रतिष्ठित पुरस्कारों और उपाधियों से अलंकृत किया जा चुके हैं।
सीएम योगी ने जताया शोक
पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के देहांत की खबर के बाद चारों तरफ शोक की लहर है। जिसपर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया x पर लिखते हुए कहा कि काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।