आधी सदी में पहली बार अमेरिका निर्मित अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतरा

इंट्यूएटिव मशीन्स के ओडिसियस लैंडर को पिछले हफ्ते स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था। यह छह पांव वाला एक रोबोट लैंडर है। यह भारतीय समयानुसार, शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा।

Update: 2024-02-23 09:04 GMT

वाशिंगटन। अमेरिका की प्राइवेट कंपनी ''इंट्यूटिव मशीन्स'' के रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर ओडिसियस की मून लैंडिंग हो गई है। लगभग 50 साल बाद रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर ओडिसियस चांद की सतह पर उतरा है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 1972 में आखिरी अपोलो मिशन के बाद अमेरिका में बना कोई अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा की सतह पर उतरा है। चांद पर उतरने वाले इस अंतरिक्ष यान का नाम ओडीसियस या ऑडी है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार इंट्यूएटिव मशीन्स के ओडिसियस लैंडर को पिछले हफ्ते स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था। यह छह पांव वाला एक रोबोट लैंडर है। यह भारतीय समयानुसार, शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा। संयुक्त राज्य अमेरिका का यह अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरकर 50 से अधिक वर्षों में यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान बन गया है।

मई 2019 में नासा ने घोषणा की थी कि वह चंद्रमा पर ''इंट्यूटिव मशीन्स'' के पांच पेलोड भेजेगा। मगर पैसे लेकर बात नहीं बन पाई थी। इसके चंद्रमा पर पहुंचते ही नासा ने टिप्पणी की कि वह तब कंपनी को लगभग 118 मिलियन डॉलर का भुगतान कर रही थी।

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नासा मूल रूप से चाहता था कि इंटुएटिव मशीनें अपने ओडिसियस मिशन को चंद्रमा के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में ओशनस प्रोसेलरम नामक एक आसान-से-पहुंच वाले स्थान पर भेजें। यह चंद्रमा के निकटवर्ती भाग पर एक विशाल वैज्ञानिक रूप से पेचीदा काला धब्बा है।

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