इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान के बीच शांति समझौता करने का निर्णय लिया है। इस समझौते के पीछे अफगानिस्तान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी की महत्वपूर्ण भूमिका है। पाकिस्तान तालिबान सरकार के साथ दोतरफा रणनीति पर काम कर रहा है।
अफगानिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी खोस्त प्रांत में दोनों पक्षों के बीच लगभग दो हफ्ते से चल रही "सीधी, आमने-सामने" की बातचीत के परिणामस्वरूप कुछ टीटीपी फूट आतंकवादियों की रिहाई के लिए सशर्त देशव्यापी समझौता घोषित करने से पहले अस्थायी समझौता हुआ था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कितने आतंकवादियों को रिहा किया गया है।
तालिबान ने यह भी कहा है कि वह अफगानिस्तान की धरती का प्रयोग आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा।उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तुर्की के एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा है कि वह तहरीक-ए-तालिबान से बात कर रहे हैं कि उसके लोग हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दें और आम नागरिकों की तरह रहने में सक्षम होने के लिए माफी के बदले में सुलह कर सकें। टीटीपी ने अभी दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत या संभावित सहमति की पुष्टि नहीं की है।