रूसी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंध: भारत पर नहीं पड़ेगा असर, बोले पेट्रोलियम सचिव…
नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत और चीन को कच्चा तेल सप्लाई कर रही तेल कंपनियों और तेल सप्लाई करने वाले जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके जवाब में पेट्रोलियम एवं प्रकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने कहा कि इसका कोई असर भारत पर पड़ने वाला नहीं है।
जिन तेल सप्लाई करने वाले तेल टैंकरों पर प्रतिबंध लगाया गया है, वो कच्चा तेल रूस से लेकर निकल गए हैं और अगले 8 हफ्तों तक भारत में तेल लेकर पहुंचेंगे, ऐसे में भारतीय रिफाइनरियों के पास अभी दो महीने का समय है, जिसमें वो नए सप्लायर्स से तेल खरीद सकते हैं। इसके साथ साथ अमेरिका में भी सत्ता परिवर्तन होने वाला है, ऐसे में इसपर बहुत चिंतित होने की बात नहीं है।
अमेरिका ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों गज़प्रोम नेफ्ट और सुरगुम्थीनेफ्ट गैस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, इसके साथ ही रूस के तेल सप्लाई करने वाले 183 तेल टैंकरों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें से 140 से ज्य़ादा तेल टैंकर भारत में भी रूस से कच्चा तेल सप्लाई कर रहे थे।
पिछले एक साल में रूसी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूस से भारत में तेल सप्लाई में भारी बढ़ोतरी हुई थी। भारत में कुल कच्चे तेल आयात की 36 परसेंट हिस्सेदारी रूसी तेल की है।
केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि भारत के पास रूस के अलावा ब्राजील, गुयाना, अमेरिका और ओपेक देशों से कच्चा तेल आयात करने के विकल्प मौजूद है, इसलिए कच्चे तेल की सप्लाई का मुद्दा नहीं है।
दरअसल अमेरिका में 20 जनवरी को नए चुने हुए राष्ट्रपति डोनालड ट्रंप शपथ लेंगे, उससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन लगातार ऐसे फैसले ले रहा है, जिससे रूस और दुनिया के कुछ देशों में परेशानियां आएं, इससे पहले अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन को भी रूस से लड़ाई के लिए बड़ी मात्रा में हथियार दिए थे। अब यह प्रतिबंध भी उसी दिशा में देखा जा रहा है।