कोरोना संकटकाल में भी पाक की नापाक साजिश, जानें

-खाड़ी देशों में भारत के खिलाफ हजारों हैंडल से ट्विटर पर चला रहा मुहिम

Update: 2020-05-03 05:49 GMT

दिल्ली। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया जूझ रही है। लेकिन संकट के इस काल में भी पाक अपने लोगों को बचाने की बजाय भारत के खिलाफ साजिश रचने की नापाक कोशिशों में जुटा हुआ है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ट्विटर पर करीब 7,000 अकाउंट्स की पहचान की है, जो पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे हैं। यहां हैरानी की बात ये है कि ये सभी अकाउंट्स ऐसे वक्त अप्रैल 2020 में खोले गए हैं, जब पूरी दुनिया में कोरोना से हाहाकार मचा है। यह जानकारी इस सप्ताह सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट में दी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सोशल मीडिया हैंडल ने खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंधों को प्रभावित करने के उद्देश्य से एक मुहिम शुरू की है। इस प्रयास का उद्देश्य सोशल मीडिया पर विशेष रूप से खाड़ी देशों में भारत विरोधी भावना उत्पन्न करना है। साथ ही ये प्रचार करना है कि भारत इस्लामोफोबिया देश है और यहां मुस्लिमों का उत्पीड़न होता है।

इससे पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के सबूत मिले थे कि सोशल मीडिया पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कई गलत मैसेज फैलाए जा रहे हैं, जिनके पीछे पाकिस्तान का हाथ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान द्वारा नई दिल्ली और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया पर जनवरी और मार्च के बीच खोले गए ट्विटर अकाउंट से टारगेट करने के संगठित प्रयासों की सूचना दी थी। इस सप्ताह सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि एजेंसियों ने पाया है कि अप्रैल में 7,000 और ट्विटर अकाउंट खोले गए हैं, जो सभी पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं।

ट्विटर पर ऐसे काफी अकाउंट्स हैं, जो ऑपरेट तो पाकिस्तान से हो रहे हैं, मगर खुद को खाड़ी देशों का बताकर भारत की आलोचना कर रहे हैं। इनमें से काफी सारे ट्विटर हैंडल हैं जो इस्लामिक देशों में सोशल मीडिया पर स्थानीय स्तर पर भारत के खिलाफ बातें लिख कर लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहे हैं। इसकी वजह से खाड़ी देशों के भी काफी लोग इससे प्रभावित हो गए हैं।

उदाहरण के तौर पर, रिपोर्ट में एक खाड़ी देश के एक प्रमुख शख्स के वेरीफाइड ट्विटर हैंडल को लिया गया है, जो दावा करता है कि कश्मीर में मुसलमानों का उत्पीड़न होता है। इस ट्विटर अकाउंट ने मृत व्यक्ति का एक फोटो शेयर किया है, जिसके कैप्शन में लिखा है- 'कश्मीर में लोगों का उत्पीड़न'। जब सुरक्षा अधिकारियों ने इस अकाउंट और फोटो की तहकीकात की तो पाया कि यह फोटो जैस के आतंकी का है। सुरक्षा अधिकारियों ने पाया कि यह तस्वीर 14 सितंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर के धृति गांव में 2 पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए जैश के एक आतंकवादी की थी।

तब ओमान की राजकुमारी के नाम से एक फर्जी अकाउंट से किए गए ट्वीट में भारतीयों के खिलाफ निशाना साधा गया था और धमकी भरे लहजे में कहा गया था कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न नहीं रुके तो यहां काम करने वाले प्रवासी भारती श्रमिकों को वापस भेज दिया जाएगा। इस फर्जी ट्वीट के बाद ओमान की राजकुमारी सैयदा मोना बिंत फहद अल सैद से को भी सफाई देनी पड़ी थी कि उनका इस ट्वीट से कोई लेना देना नहीं है और यह फर्जी अकाउंट है।

भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ मुहिम सिर्फ पाकिस्तान के आईएसआई की दिमागी उपज नहीं है, बल्कि इसकी शुरुआत तो पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में तीखे भाषण से हो गई थी। यह पहला अवसर था, जब एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में इमरान खान ने भारत के खिलाफ दुनिया के मुस्लिम समुदाय को कश्मीर और उसके बाहर मुस्लिमों की दुर्दशा के बारे में बताने का प्रयास किया था।

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