रियाद। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सऊदी अरब की सरकार ने शनिवार को हज-2021 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। हालांकि भारत समेत दुनिया के दीगर देशों को लगातार दूसरे साल इसलिए मायूसी होगी क्योंकि कोरोना की वजह से इस साल भी हज यात्रा को सऊदी अरब के लोगों तक ही सीमित किया गया है। इस बार महज 60 हजार हज यात्रियों को अनुमति दी जाएगी।
अरब न्यूज के अनुसार सऊदी अरब के हज, उमरह और स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में जोर देकर कहा गया है कि हज करने के इच्छुक व्यक्ति को किसी भी लाइलाज बीमारी से पीड़ित नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसे सऊदी अरब के टीकाकरण उपायों के अनुसार टीका लगाया जाना चाहिए। मंत्रालय ने 1142 हिजरी (इस्लामी कैलेंडर) अर्थात इस साल के हज की घोषणा करते हुए कहा कि मात्र 60 हजार तीर्थयात्रियों को हज करने की अनुमति दी जाएगी।
विदेशियों पर रोक -
सऊदी अरब ने लगातार दूसरे वर्ष हज को सऊदी अरब के नागरिकों और वहां रहने वाले विदेशियों तक सीमित करने का निर्णय लिया है। बयान में कहा गया है कि यह निर्णय हज और उमरह के लिए आने वालों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करने के लिए किंगडम के निरंतर प्रयासों के आधार पर लिया गया है जबकि मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
ये है कारण -
सऊदी अरब ने कोरोना महामारी को देखते हुए 2021 की हज यात्रा के लिए 23 मई को सुरक्षात्मक उपायों और शर्तों की घोषणा की थी। बयान में कहा गया था कि 18 साल से अधिक उम्र के 60 हजार घरेलू और विदेशी तीर्थयात्री हज कर सकेंगे। अलबत्ता हज को लेकर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था। हज कार्यक्रम की घोषणा में हो रही देरी के लिए सऊदी अरब सरकार ने कोरोना वायरस के लगातार म्यूटेशन और इससे बचाव के लिए वैक्सीनों की कमी को वजह बताया था। सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने हज के सम्बंध में विभिन्न शर्तों को रेखांकित करते हुए नौ पन्नों का एक दस्तावेज जारी किया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते सऊदी सरकार ने पिछले साल सऊदी किंगडम में निवास करने वाले केवल 10 हजार लोगों को ही हज की अनुमति दी थी। उस दौरान भी कोरोना प्रोटोकॉल का काफी सख्ती से पालन किया गया था। महामारी से पहले 25 लाख लोग हज के पवित्र फर्ज को अदा करने के लिए विभिन्न देशों से हर साल मक्का और मदीना की यात्रा करते थे। इसमें अकेले भारत से हज यात्रा पर जाने वालों का कोटा दो लाख है जबकि उमरह पूरे साल जारी रहता है जिससे सऊदी अर्थव्यवस्था को सालाना 12 अरब डॉलर का फायदा होता है।
हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ डॉ. मकसूद अहमद खान ने सऊदी अरब के फैसले का स्वागत किया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी दो दिन पहले मुंबई स्थित हज हाउस में हज यात्रा से जुड़ी तमाम तैयारियों का जायजा लेने के बाद कहा था कि कोरोना संकट के मद्देनजर हज यात्रा के सम्बंध में भारत, सऊदी अरब सरकार के फैसले के साथ रहेगा।