जम्मू-कश्मीर में चार साल में 1 हजार आतंकी ढेर, 174 नागरिकों की मौत

देश के भीतरी इलाकों में 5 आतंकवादी घटनाएं हुईं और 3 नागरिकों की मौत हुई है।

Update: 2023-08-09 13:28 GMT

नईदिल्ली। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2018 से 2022 के बीच 761 आतंकी हमलों में 174 नागरिक, 308 सुरक्षाकर्मी और 1002 आतंकवादी मारे गए। यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

उन्होंने बताया कि 2018 और 2022 के बीच पिछले 5 वर्षों में जम्मू और कश्मीर में 761 आतंकी घटनाओं में जम्मू-कश्मीर में 174 नागरिक मारे गए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इसी अवधि में केंद्र शासित प्रदेश में 626 मुठभेड़ों और आतंकवाद रोधी ऑपरेशन में 35 नागरिक मारे गए। उन्होंने कहा कि इसी अवधि के दौरान मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या 308 रही और सुरक्षा बलों ने 1,002 आतंकवादियों को भी मार गिराया।राय ने एक अन्य प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि पिछले पांच वर्षों में देश के भीतरी इलाकों में 5 आतंकवादी घटनाएं हुईं और 3 नागरिकों की मौत हुई है। इन घटनाओं में कोई सशस्त्र बल का सिपाही हताहत नहीं हुआ है और एक आतंकवादी मारा गया।

मुआवजे की राशि बढ़ाई गई - 

राय ने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय प्रभावित आम नागरिकों को उनके परिवारों की जीविका और भरण-पोषण के लिए तत्काल सहायता के रूप में अनुग्रह सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना ‘आतंकवादी, सांप्रदायिक, वामपंथी उग्रवादी हिंसा और सीमा पार से गोलीबारी तथा भारतीय क्षेत्र में बारूदी सुरंग या आईईडी विस्फोटों के पीड़ित आम नागरिकों के परिवार की सहायता के लिए केंद्रीय योजना’ का संचालन करता है।उन्होंने कहा कि यह योजना 2008 से चल रही है। 24 अगस्त, 2016 से मुआवजे की राशि को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। राज्य सरकारें इसका भुगतान करती हैं और उसके बाद इसकी प्रतिपूर्ति का दावा करती हैं।

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