सोनमर्ग टनल का उद्घाटन: "PM मोदी बोले-वादा निभाया, श्रीनगर से लद्दाख की दूरी अब मिनटों में"

Update: 2025-01-13 09:02 GMT

जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 12 साल से कार्यरत ऐतिहासिक जेड-मोड़ सोनमर्ग टनल का उद्घाटन किया है। श्रीनगर-लेह नेशनल हाइवे (NH-1) पर स्थित इस 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन टनल के चालू होने से श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच की दूरी और समय में बड़ा सुधार होगा।

बर्फबारी के कारण हर साल छह महीने तक बंद रहने वाला यह मार्ग अब हर मौसम में खुला रहेगा, जिससे यात्रियों, स्थानीय लोगों और सेना को बड़ी राहत मिलेगी।

टनल से बदलेंगे सफर के मायने

टनल के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "यह मोदी है, वादा करता है तो निभाता है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की एक पुरानी मांग आज पूरी हो गई है। हर काम का एक सही समय होता है, और सही समय पर इसे पूरा करना हमारी प्राथमिकता है।"

इस टनल के शुरू होने से गगनगीर से सोनमर्ग तक की दूरी, जो पहले एक घंटे से अधिक का समय लेती थी, अब केवल 15 मिनट में पूरी हो सकेगी। साथ ही गाड़ियों की गति भी 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी। पहले जहां इस दुर्गम इलाके को पार करने में 3 से 4 घंटे लगते थे, अब यह सफर मात्र 45 मिनट का हो गया है।

जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज भारत प्रगति की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ चला है। देश का हर नागरिक 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में जुटा हुआ है। यह तभी संभव है जब हमारे देश का कोई भी हिस्सा, कोई भी परिवार प्रगति और विकास में पीछे न छूटे। इसके लिए हमारी सरकार पूरी लगन और 'सबका साथ सबका विकास' की भावना के साथ दिन-रात काम कर रही है। जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश के 4 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर मिल चुके हैं। आने वाले समय में गरीबों को 3 करोड़ और नए घर मिलने वाले हैं। आज भारत में करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज मिल रहा है। इसका बहुत बड़ा लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी हुआ है। युवाओं की शिक्षा के लिए देशभर में लगातार नए IIT, नए IIM, नए AIIMS, नए मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में भी पिछले 10 सालों में कई शिक्षण संस्थान बनाए गए हैं..."

उमर अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे की उम्मीद जताई

कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा, "जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता रही। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल करने का आपका वादा भी पूरा होगा।"

टनल का सफर: 12 साल की कहानी

टनल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में की गई थी। हालांकि इसे पूरा होने में 12 साल का समय लगा। शुरुआत में इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) को सौंपा गया, लेकिन बाद में प्राइवेट कंपनी को यह जिम्मेदारी दी गई। कोरोना महामारी और चुनावी आचार संहिता के कारण इसके उद्घाटन में देरी हुई।

PPP मॉडल के तहत बनी इस टनल की लागत 2700 करोड़ रुपए आई है। समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस टनल का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) से किया गया, जिससे पहाड़ दरकने और एवलांच का खतरा समाप्त हो गया है।

सेना को होगी बड़ी सुविधा

चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं तक रसद और हथियार पहुंचाने में इस टनल से सेना को बड़ी मदद मिलेगी। अब तक बर्फबारी के कारण सेना पूरी तरह एयरफोर्स पर निर्भर रहती थी। इन टनल के चालू होने के बाद सेना कम लागत में और तेजी से सामान और बटालियन मूव कर सकेगी।

टनल से बढ़ेगा पर्यटन और व्यापार

जेड मोड़ टनल के खुलने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। श्रीनगर से सोनमर्ग और लद्दाख तक की आसान कनेक्टिविटी के कारण क्षेत्रीय व्यापार और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

2028 तक बनेगी एशिया की सबसे लंबी टनल

जेड मोड़ टनल के बाद जोजिला टनल का काम जारी है, जो 2028 तक पूरा होगा। इस टनल के चालू होने पर बालटाल (अमरनाथ), कारगिल और लद्दाख को भी ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी। दोनों टनल की संयुक्त लंबाई 12 किलोमीटर होगी, जिससे यह एशिया की सबसे लंबी टनल बन जाएगी।

पिछले साल हुआ आतंकी हमला

टनल के निर्माण में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 20 अक्टूबर 2024 को आतंकियों ने गगनगीर स्थित मजदूरों के कैंप पर हमला कर दिया था। इस हमले में टनल निर्माण कंपनी के छह मजदूरों और एक डॉक्टर सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद परियोजना का काम जारी रहा और अब यह लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।

Tags:    

Similar News