JK Encounter Update: जम्मू कश्मीर के कठुआ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी ढेर, 3 जवान शहीद

Update: 2025-03-28 02:57 GMT
jammu kashmir encounter

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Kathua Encounter Update  : जम्मू-कश्मीर। कठुआ जिले के सुदूर जंगली इलाके में गुरुवार को दिनभर चली एक भीषण मुठभेड़ ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। इस अभियान में तीन आतंकवादी मारे गए, लेकिन इस दौरान एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया और सात अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ सुबह करीब 8 बजे शुरू हुई, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के एक समूह के खिलाफ अभियान तेज किया। माना जा रहा है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान से संचालित संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे।

मुठभेड़ राजबाग के घाटी जूथाना क्षेत्र में जखोले गांव के पास हुई। पीटीआई के अनुसार, इस दौरान भारी गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंजती रहीं। कई स्थानीय युवकों ने सुरक्षा बलों की मदद करते हुए भारी हथियार और गोला-बारूद को जंगल में पहुंचाया। इस अभियान में जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के नेतृत्व में सेना और सीआरपीएफ ने हिस्सा लिया। शुरुआती गोलीबारी में तलाशी दल का नेतृत्व कर रहे उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में कुल पांच आतंकवादियों का समूह शामिल था। इस दौरान एक एसडीपीओ और तीन सुरक्षाकर्मी मुठभेड़ स्थल के पास एक नाले के पास घने जंगल में फंस गए थे। देर शाम तक एसडीपीओ को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन उनके तीन निजी सुरक्षा अधिकारी मृत पाए गए। एक अन्य पुलिसकर्मी के लापता होने की सूचना है, जिसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि या खंडन नहीं किया है और कहा है कि शुक्रवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

सुरक्षा बलों ने रात में अभियान को रोक दिया, जिसके चलते आतंकवादियों के शव अभी तक बरामद नहीं हो सके। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह अभियान फिर से शुरू होगा, क्योंकि इलाके में दो और आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका है। ड्रोन से दो आतंकवादियों के शव देखे गए हैं, जिन्हें शुक्रवार को बरामद करने की योजना है। घायल एसडीपीओ और दो अन्य पुलिसकर्मियों को कठुआ अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर है। सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं और उन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया है।

सुरक्षा बलों की रणनीति और आतंकी संगठन की जिम्मेदारी

शाम को मुठभेड़ स्थल पर सेना के विशेष जवानों को हेलीकॉप्टर से उतारा गया ताकि इलाके की घेराबंदी को और मजबूत किया जा सके। पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट, जो जैश-ए-मोहम्मद का एक हिस्सा है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले रविवार को कठुआ के हीरानगर सेक्टर में एसओजी ने आतंकवादियों के एक समूह को रोका था, लेकिन वे शुरुआती घेराबंदी से बच निकले। बाद में उन्हें जखोले के पास देखा गया, जो मुठभेड़ स्थल से करीब 30 किलोमीटर दूर है।

जब पुलिस दल विशेष सूचना के आधार पर वहां पहुंचा, तो आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी। कठुआ का सुफैन गांव पूरे दिन गोलियों, ग्रेनेड और रॉकेट फायर की आवाजों से गूंजता रहा। इस दौरान कई शक्तिशाली विस्फोट भी हुए। रविवार को सान्याल गांव में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास आतंकवादियों को रोका गया था, लेकिन वे बच निकले। इसके बाद पुलिस, सेना, एनएसजी, बीएसएफ और सीआरपीएफ ने हेलीकॉप्टर, ड्रोन, यूएवी, बुलेटप्रूफ वाहन और खोजी कुत्तों के साथ बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया।

आतंकियों के पास मिला हथियारों का जखीरा

तलाशी के दौरान हीरानगर में मुठभेड़ स्थल के पास M4 कार्बाइन की चार मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट, खाने-पीने के पैकेट और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बनाने की सामग्री बरामद हुई। पुलिस का मानना है कि आतंकवादियों ने शनिवार को सीमा पार से घुसपैठ की थी। इस घटना ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों की चुनौतियों को उजागर किया है।

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