NIA ने जम्मू-कश्मीर के 7 जिलों में छापे मारे, आतंकियों के पनाहगारों पर एक्शन
नईदिल्ली/वेबडेस्क। आतंकवाद से जुड़े मामलों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के सात जिलों में 15 स्थानों पर छापा मारा है। कार्रवाई फिलहाल जारी है। सूत्रों के मुताबिक एनआईए को इस कार्रवाई के दौरान संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।
एनआईए ने 2021 और 2022 में दर्ज किए गए आतंकवाद से जुड़े दो मामलों के संबंध में श्रीनगर, पुलवामा, अवंतीपोरा, अनंतनाग, शोपियां, पुंछ और कुपवाड़ा जिलों में विभिन्न स्थानों पर छापा मारा है। इन दो मामलों में से एक एनआईए की दिल्ली शाखा ने 2021 में और दूसरा एनआईए जम्मू ने 2022 में दर्ज किए थे। यह छापेमारी सुबह से ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर की जा रही है।
आरसी 3/21/एनआईए/डीएलआई और आरसी 5/22/एनआईए/जेएमयू में श्रीनगर, पुलवामा, अवंतीपोरा, अनंतनाग, शोपियां, पुंछ और कुपवाड़ा के सात जिलों में 15 स्थानों पर तलाशी चल रही है। बताया जा रहा है कि पुंछ में सीमापार बात करने वाले एक व्यक्ति के घर एनआईए ने छापेमारी की। इस व्यक्ति से पूछताछ कर उसका मोबाइल जब्त कर लिया गया। कार्रवाई पूरी होने के बाद विस्तृत जानकारी मिलने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में 13 स्थानों पर छापे मारने के पांच दिन बाद यह छापेमारी की है। जो कि कैडर और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओडब्ल्यूजी) द्वारा रची गई आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश से संबंधित एक मामले में थे। विभिन्न अभियुक्त संगठन और उनके सहयोगी और ऑफ-शूट अपने पाकिस्तानी कमांडरों और संचालकों के इशारे पर विभिन्न छद्म नामों से काम कर रहे हैं। एजेंसी ने 15 मई को जम्मू-कश्मीर के बडगाम, शोपियां, पुलवामा, श्रीनगर और अनंतनाग जिलों में छापेमारी की। जम्मू-कश्मीर में सक्रिय विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के कई संदिग्धों और ओडब्ल्यूजी के परिसरों में तलाशी ली गई थी।
20 दिनों में 70 से अधिक स्थानों पर छापेमारी
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों का पता लगाने के लिए एनआईए ने पिछले 20 दिनों में 70 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर में 11 मई को कार्रवाई तेज करते हुए पाकिस्तान स्थित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े तीन आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क किया था।