नई दिल्ली (New Delhi)। मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार देर रात निधन हो गया। वो 71 वर्ष के थे। लखनऊ के पीजीआई में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे खराब स्वास्थ की वजह से काफी दिनों से यहां भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि मुनव्वर राणा पीजीआई में लंबे समय से डायलिसिस पर थे। उनके फेफड़ों में काफी इंफेक्शन था। इसकी वजह से शनिवार को वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। मुनव्वर को लंबे समय से किडनी की भी परेशानी थी।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे मुनव्वर राणा 'मां' पर लिखी शायरियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर थे। मुनव्वर राणा देश के जाने-माने शायरों में गिने जाते हैं, उन्हें साहित्य अकादमी और माटी रतन सम्मान के अलावा कविता का कबीर सम्मान, अमीर खुसरो अवार्ड, गालिब अवार्ड आदि से नवाजा गया है। इसके अलावा उनकी दर्जनभर से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनमें मां, गजल गांव, पीपल छांव, बदन सराय, नीम के फूल, सब उसके लिए, घर अकेला हो गया आदि शामिल हैं।