जनप्रतिनिधित्व कानून की जिस धारा ने छीनी राहुल गांधी की सदस्यता, सुप्रीम कोर्ट में उसे मिली चुनौती
कानून खत्म करने की मांग
याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) विरोधाभासी है। ये प्रावधान धारा 8ए, 9, 9ए, 10, 10ए, और धारा 11 के प्रावधानों का विरोधाभासी है। धारा 8(3) जहां जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति स्वतंत्र रूप से अपना कर्तव्य निर्वहन करने में बाधक है। ऐसा होना लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है। धारा 8(3) के तहत दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाने वालों को अयोग्य करार देने का प्रावधान है। ऐसा होना अयोग्य घोषित करने की उचित प्रक्रिया को लेकर भ्रम पैदा करता है। याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) को लाने का मकसद चुने हुए प्रतिनिधियों को गंभीर अपराध में दोषी पाए जाने पर अयोग्य घोषित करने का था।
याचिका में कहा गया है कि अपराध प्रक्रिया संहिता में जिस तरह अपराधों का वर्गीकरण है जिसमें संज्ञेय और असंज्ञेय अपराधों को शामिल किया गया है। अपराध प्रक्रिया संहिता में जमानती और गैर-जमानती अपराधों का वर्गीकरण किया गया है। ऐसी परिस्थिति में अयोग्य घोषित करने के लिए भी अपराधों की प्रकृति का वर्गीकरण किया जाना चाहिए।