बिना माँ की कोख के बच्चों का होगा जन्म, हर साल फैक्ट्री से निकलेंगे 30 हजार बच्चे

बेबी पॉड एक मशीन है, जोकि वे सभी कार्य करेगी जोकि एक गर्भ या बच्चेदानी करती है

Update: 2022-12-16 10:55 GMT

नईदिल्ली/वेबडेस्क। अब तक माँ के बिना धरती पर किसी को जीवन मिलना असंभव माना जाता है। चाहे वह खुद की माँ हो या सेरोगेसी लेकिन बिना माँ के जन्म असंभव सा है।  ऐसे में कोई आपसे कहे की अब बिना माँ की कोख के ही बच्चों का जन्म होगा।  वह भी एक फैक्ट्री में ठीक उस तरह से जैसे अन्य फैक्ट्रियों में सामान का उत्पादन होता है। ये दावा बायोटेक्नोलॉजिस्ट और साइंस कम्युनिकेटर हाशम अल-घाइली ने किया है।  उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो 'Ectolife: दुनिया की पहली कृत्रिम गर्भ सुविधा' के नाम से शेयर किया है। इस वीडियो में उन्होंने दावा किया है की आने वाले समय में जल्द ही बिना माँ की कोख के बच्चों का जन्म होगा।  यह काम अब 'बेबी पॉड' करेगा, नौ महीने बाद एक स्विच प्रेस कर बच्चों का जन्म हो सकेगा।  बेबी पॉड लगाने का काम कंपनी करेगी, जिसका नाम एक्टोलाइफ है।  

क्या है बेबी पॉड - 


बेबी पॉड एक मशीन है, जिसे हम कृत्रिम गर्भ भी कह सकते है। जोकि इसमें पलने वाले बच्चे को बिलकुल गर्भ सा एहसास कराएगी। ये मशीन वे सभी कार्य करेगी जोकि एक गर्भ या बच्चेदानी करती। गर्भ की ही तरह इसमें भी एक प्लेसेंटा या नाल जुडी होगी जोकि बच्चे तक पोषक तत्त्व पहुंचाएगी। इस मशीन में पलने वाले  बच्चे पर मॉनिटर के जरिए नजर रखी जाएगी। जिसके जरिए बच्चे की धड़कन, विकास, गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।  

ऐसे करेगी काम - 

जर्मनी की राजधानी बर्लिन में रहने वाले वैज्ञानिक हाशम अल-घाइली ने एक मीडिया समूह को चर्चा बताया की एक्टोलाइफ़ कंपनी 75 लैब बनाएगी। प्रत्येक लैब में 400 बेबी पॉड लगाए जाएंगे।  माता-पिता इस सुविधा के द्वारा अपनी पसंद का बच्चा पा सकेंगे। वे अपने होने वाले बच्चे का चेहरा, रंग, लंबाई सभी खुद तय कर सकेंगे। उन्हें 300 से ज्यादा जीन में से कोई एक चुनने की सुविधा मिलेगी. इनमें से नौ जीन को वह एडिट भी करके मनमाफिक बच्चा पा सकेंगे।  इसके साथ ही वह एक एप के माध्यम से अपने बच्चे के विकास पर घर बैठे नजर रख सकेंगे।  यदि बच्चों के विकास में कुछ गड़बड़ी होगी तो एप समय रहते ही जानकारी दे देगा। नौ महीने पूरे होने के बाद एक स्विच प्रेस करते ही बच्चे की डिलीवरी हो जाएगी। 

ये होगा लाभ - 

ये तकनीक उन दंपतियों के लिए वरदान साबित होगी जो किन्हीं कारणों से प्राकृतिक ढंग से पेरेंट्स नहीं बन पा रहे। ये तकनीक उन महिलाओं के लिए भी सहायक सिद्ध होगी जो किसी बीमारी की वजह से अपने गर्भाशय को निकलवा चुकी हैं। वे महिलाएं भी अब दोबारा माँ बन सकेंगी।  

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