नईदिल्ली। कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव इसी साल जून माह तक कर लिया जाएगा। यह निर्णय कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया। बताया गया कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद संगठनात्मक चुनाव कराए जाएंगे, जिसमें पार्टी अध्यक्ष का भी चयन होगा।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी का संगठनात्मक चुनाव जून माह में होना तय हुआ है। पार्टी का कहना है कि इस साल तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस संगठन का चुनाव कराएगी, जिसमें अध्यक्ष पद का चुनाव सबसे अहम है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में आज संगठन के चुनाव, किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। वरिष्ठ नेता मधुसूधन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने कांग्रेस अध्यक्ष समेत संगठन का चुनाव तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव के बाद जून में कराने का प्रस्ताव रखा। पार्टी के चुनाव प्राधिकरण ने 29 मई को अधिवेशन कराए जाने की भी पेशकश की, जिस पर चर्चा के बाद जून माह में चुनाव कराने का निर्णय किया गया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से कहा गया कि पार्टी को जल्द ही इसका समय तय करना चाहिए, क्योंकि कई और मुद्दे भी अहम हैं। इसके अलावा सीडब्ल्यूसी की बैठक में किसान आंदोलन, वैक्सीनेशन, व्हाट्सऐप चैट विवाद पर जांच की मांग से जुड़े प्रस्ताव पास किए गए। साथ ही जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी रखने पर विचार किया गया।
दरअसल, अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कांग्रेस में लम्बे समय से खींचतान चल रही है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं। इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग उठाई थी। पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सांगठनिक बदलाव के लिए भी आवाज बुलंद की थी। वैसे, कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा धड़ा लंबे समय से इस बात की पैरवी कर रहा है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए। कांग्रेस शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी राहुल को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में बताए जा रहे हैं।