Uttarakhand news: 17 नवंबर को बन्द होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, आज माता लक्ष्मी को चढ़ाया गया कढ़ाई भोग
बद्रीनाथ धाम के कपाट आने वाले दिन 17 नवंबर को बंद हो जाएंगे जिससे पहले आज अंतिम दिन 16 नवंबर को माता लक्ष्मी को कढ़ाई भोग अर्पित किया गया है।
Badrinath Dham: उत्तराखंड के पवित्र चार धाम में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट आने वाले दिन 17 नवंबर को बंद हो जाएंगे जिससे पहले आज अंतिम दिन 16 नवंबर को माता लक्ष्मी को कढ़ाई भोग अर्पित किया गया है। बताया जा रहा है कि कपाट शीतकाल के लिए बंद होने जा रहे हैं। इसके अलावा शीतकालीन पूजा जारी रहेगी।
रात में बंद हो जाएंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
आपको बताते चलें कि , पवित्र धाम में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट इस साल शीतकाल के लिए 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले के दिनों की बात करें तो, 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट पूजा के बाद बंद कर दिए गए थे।15 नवंबर को खड्ग-पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया गया, आज 16 नवंबर को मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग चढ़ाया गया।जिसके बाद मां लक्ष्मी को बदरीनाथ मन्दिर के गर्भ गृह में प्रवेश का न्यौता दिया।
#WATCH चमोली, उत्तराखंड: श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया जारी है। 17 नवंबर यानी कल बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 16, 2024
(सोर्स: बद्रीनाथ धाम मंदिर) pic.twitter.com/Y6L5C1zWWK
शीतकालीन प्रवास के दौरान होंगे ये अनुष्ठान
17 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास शुरू हो जाएगा इस दौरान सोमवार से अलग अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। जिसमें 18 नवंबर को कुबेर और उद्धव सहित रावल, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी। उद्धव और भगवान कुबेर शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सोमवार 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद 19 नवंबर को समारोहपूर्वक गद्दी स्थल नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी, इसी के साथ शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं आयोजित होंगी।