Dr Manmohan Singh Death: दो बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मनमोहन सिंह की ये इच्छा रह गई अधूरी, पाकिस्तान से है कनेक्शन, जानें...
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला बताते हैं कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह रावलपिंडी में स्थित अपने बचपन के स्कूल जाना चाहते थे।
प्रधानमंत्री देश का मुखिया होता है और कहते हैं राजा के हाथ हर चीज होता है। डॉ. मनमोहन सिंह दो पर देश के प्रधानमंत्री रहें उसके बाद भी उनके एक इच्छा अधूरी रह गई, जो अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी। क्योंकि अब वो इस दुनिया में नहीं रहे। बीती रात करीब 10 बजे 92 साल के उम्र उन्होंने जीवन की आखिरी सांस ली। मनमोहन सिंह ने देश के लिए कई बड़े काम किए जिसमें आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह के सुधार शामिल हैं। आइए जानते हैं डॉक्टर मनमोहन सिंह की अधूरी इच्छा के बारे में...
एक इंटरव्य में हुआ खुलासा
दरअसल, UNFILTERED by Samdish नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़ा एक किस्सा सुनाया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि एक बार पाकिस्तान से आकर पीएम हाउस गया था। वहां मनमोहन सिंह जी से चर्चा हो रही थी। तब डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं भी पाकिस्तान जाना चाहता हूं।
अपने बचपन के स्कूल जाना चाहते थे मनमोहन सिंह
राजीव शुक्ला आगे बताते हैं कि मैंने उनसे पूछा पाकिस्तान में कहां जाना चाहते हैं? तो जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अपने गांव जाना चाहता हूं। गांव में घर तो पहले ही नष्ट हो गया है लेकिन मैं जिस स्कूल में चौथी कक्षा तक पढ़ा था वहां जाना चाहता हूं। हालांकि उनकी ये इच्छा हमेशा के लिए अधूरी रह गई।
रावलपिंडी के पास हुआ था जन्म
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का जन्म अविभाजित भारत के रावलपिंडी से 100 किलोमीटर दूर गाह गांव में हुआ था। विभाजन के बाद उनके परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था पूर्व पीएम के माता का देहांत जल्दी होने के बाद उनके दादा ने उनका पालन पोषण किया था। विदेश में नौकरी करने के दौरान पाकिस्तान के एक दोस्त के साथ मनमोहन सिंह रावलपिंडी गए थे। वहां वो उस गुरुद्वारे में गए जहां बचपन के दिनों में बैसाखी के दिन जाया करते थे। लेकिन गांव के घर कभी नहीं जा सके।