महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस नेताओं की कृषि व्यवसाय से जुड़ी कई कंपनियां, बावजूद किसान लाचार
नईदिल्ली/ वेबडेस्क। देश भर में अलग -अलग कारणों से आत्महत्या करने वाले किसानों में पिछले एक साल में सबसे ज्यादा जाने महाराष्ट्र के किसानों ने दी है।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की साल 2019 की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में ख़ुदकुशी करने वाले किसानों में से 38 फीसदी महाराष्ट्र के किसानों ने जान दी थी। जबकि इसी राज्य की सरकार में शामिल मंत्रियों की सबसे ज्यादा कृषि आधारित कंपनियां है। जिनका मुनाफा करोड़ों में है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के 76 फीसदी मंत्रियों ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामें में अपनी आय का प्रमुख साधन कृषि बताया है। इन मंत्रियों और उनके परिजनों के अनुसार 161 कंपनियां दर्ज हैं। जिसमें से 42 फीसदी कंपनियां कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। जोकि फ़ूड प्रोसेसिंग और एग्रो ट्रेड जैसे कार्य करती है।
- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी के नाम 12 कंपनियां
- उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी के नाम 23 और बेटे के नाम 8 कंपनियां
- मंत्री आदित्य ठाकरे के नाम 8 कंपनियां
- मंत्री छगन भुजबल की पत्नी और पुत्र के नाम 17 कंपनियां
- मंत्री अदिती तटकरे: 12 कंपनियों की पूर्व डायरेक्टर, फिलहाल एक में सक्रिय
- मंत्री राजेश टोपे के नाम पर निजी 6 कंपनियां और पिता के नाम 2 कंपनी
- मंत्री बच्चू कडू के नाम पर 4 कंपनियां
- मंत्री दिलीप वळसे पाटील की पत्नी के नाम पर 1 और परिजनों के नाम पर 4 कंपनी
- मंत्री अनिल परब के नाम पर 4 और पत्नी के नाम पर 1 कंपनी
- मंत्री विश्वजीत कदम के नाम 10 कंपनियां
किसान लाचार-
ऐसे में सवाल उठने लगा है की जब राज्य सरकार में मंत्री कृषि क्षेत्र से खुद के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां चला रहे है तो आम किसानों के लिए कुछ क्यों नहीं कर रहें। आखिर किसान जहर खाकर और फ़ंदे से लटककर मरने के लिए क्यों मजबूर है।