डिजिटल अरेस्ट: गृह मंत्रालय ने घोटाले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई, राज्यों से रिपोर्ट मांगी, तत्काल होगी कार्रवाई
High Level Committee to Investigate Digital Arrest Scam : नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले और साइबर धोखाधड़ी के मामलों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति को अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, समिति की निगरानी गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव करेंगे। सूत्रों ने बताया कि, गृह मंत्रालय ने इस मामले पर देशभर के राज्यों से रिपोर्ट मांगी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस से संपर्क कर उन्हें समिति के बारे में जानकारी दी है। इस साल अब तक 6,000 से अधिक डिजिटल गिरफ्तारी शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने घोटाले के संबंध में 6 लाख मोबाइल नंबर ब्लॉक किए हैं, जो ड्रग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में झूठे तरीके से फंसाकर अनजान व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं। इसके अलावा साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने कम से कम 709 मोबाइल एप्लिकेशन को भी ब्लॉक किया है।
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उठाया मुद्दा
सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने साइबर धोखाधड़ी से संबंधित 3.25 लाख फर्जी बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है। देश भर में डिजिटल गिरफ्तारी के मामलों में अचानक वृद्धि को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में लोगों को इस तरह के घोटालों के खिलाफ चेतावनी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को उठाया और इस तरह के साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता और कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कानून में "डिजिटल गिरफ्तारी" जैसी कोई चीज नहीं है। ये सब ठगी करने का तरीका है। लोगों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे ऐंठते है।
क्या है डिजिटल गिरफ्तारी
डिजिटल गिरफ्तारी साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है जिसमें धोखेबाज कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल पर धमकाते हैं और गिरफ्तारी के झूठे बहाने से उन्हें डिजिटल रूप से बंधक बनाते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया (CERT-In) ने एक सूची साझा की, जिसमें देश में धोखेबाजों द्वारा ऑनलाइन घोटाले करने के एक दर्जन से अधिक तरीकों के बारे में बताया गया है, जिसमें लोगों के पैसे और निजी डेटा चुराकर उन्हें ठगने के लिए डिजिटल गिरफ्तारी भी शामिल है।