तवांग झड़प के बाद LAC पर हुई राफेल की तैनाती, अलर्ट पर S-400 मिसाईल, चीन के विरोध का ये..है कारण

Update: 2022-12-13 08:46 GMT

नईदिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर तवांग में झड़प होने के बाद भारतीय सेना ने ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर ली है। भविष्य में किसी प्रकार की हिमाकत करने पर भारत किस तरह जवाब देगा, ये हम आपको बताएंगे।  लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी ) पर भारत ने सतर्कता और निगरानी बढ़ा दी है।

भारतीय वायुसेना ने सीमा पर पर कॉम्बैट एयर पेट्रोलिंग, यानी जंगी उड़ानें शुरू कर दी हैं। 9 दिसंबर को झड़प के बाद सेना ने सिलीगुड़ी में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को अलर्ट मोड पर रख दिया है। भारत ने अग्रिम मोर्चे पर L-70 एयर डिफेंस गन भी तैनात कर दी है। साथ ही SU-30 और हाशीमारा में राफेल फाइटर प्लेन की तैनाती कर दी गई है।  

सर्दियों के मौसम को देखते हुए सीमा पर तैनात जवानों के लिए विशेष सुविधा के इंतजाम किए गए है - 

  • सीमा से सटे इलाके डेमचोक और देपसांग में 50 हजार सैनिक तैनात किये गए हैं।  
  • पूर्वी लद्दाख और सिक्किम में एडवांस ड्रोन की तैनाती।  
  • भारतीय जवानों के लिए खास डाइट सप्लीमेंट। 
  • आउटपोस्ट पर सर्दी से बचाव के लिए विशेष थर्मो टेंट।  
  • भारतीय जवानों के लिए स्पेशल थ्री लेयर वाली वर्दी।  

न्यूज एजेंसी के अनुसार, चीन तवांग के करीब एलएसी से सटे दो क्षेत्रों होलीदीप और परिक्रमा एरिया में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी का विरोध कर रहा है। बीते कुछ हफ्तों में चीन ने लगातार भारत के इन क्षेत्रों में घुसपैठ और कब्जाने की कोशिश की, जिसे सेना ने विफल कर दिया। चीनी सेना को जवाब देने के लिए इंडियन एयरफोर्स ने पूर्वी मोर्चे पर दो बड़े युद्धाभ्यास करने का निर्णय लिया है। पहला अभ्यास 15 दिसंबर से शुरू होगा और दूसरा 20 दिसंबर से शुरू होगा।  पहले अभ्यास में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट और एयर डिफेंस सिस्टम शामिल किए जाएंगे, जो 15 दिसंबर को दोपहर 1.30 बजे से 16 दिसंबर शाम 5.30 बजे तक चलेगी। दूसरा अभ्यास 20 दिसंबर सुबह 9 बजे से 23 दिसंबर शाम 4 बजे तक चलेगा। इस अभ्यास में Su-30, राफेल और तेजस भी शामिल होंगे।  

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