नईदिल्ली। राजधानी दिल्ली में तीनों नगर निगमों के एक होने का रास्ता साफ हो गया है।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली के तीन नगर निगमों को एक करने के विधेयक को मंजूरी दे दी है।विधेयक मंजूरी के बाद अब पारित किए जाने के लिए संसद में पेश होगा।केंद्र सरकार मौजूदा बजट सत्र 2022 के दौरान संसद में विधेयक पेश करेगी। संसद से मंजूरी के बाद तीनों निगमों को एक करने की प्रक्रिया शुरू होगी। जिसके बाद दिल्ली में अब तीन की जगह एक ही महापौर होगा।
महापौरों ने की मांग
देश में लंबे समय से तीनों नगर निगमों को एक करने की चर्चा चल रही थी। तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए उत्तरी निगम के महापौर राजा इकबाल सिंह, दक्षिणी के मुकेश सुर्यान व पूर्वी के श्याम सुंदर अग्रवाल ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने कहा था की तीनों नगर निगमों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। जिसके चलते कर्मचारियों को वेतन मिलने में देरी हो रही है और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में इन्हें एक करने की आवश्यकता है।
2012 में हुआ विभाजन
बता दें की वर्ष 2012 से पहले तक दिल्ली में एक ही नगर निगम था। 9 साल पहले 2012 में चुनाव से पहले दिल्ली नगर निगम को दक्षिण नगर निगम, उत्तर नगर निगम और पूर्वी नगर निगम में बांट दिया गया था। उस समय तर्क दिया गया था की निगमों का विभाजन करने से कार्यशैली प्रभावी होगी और जनता को बेहतर सेवाएं दे सकेंगी।लेकिन कुछ समय बाद ही निगमों के हालात उम्मीदों के उलट होना शुरू हो गए।
निगमों के काम के तरीकों में सुधार होने की जगह ये वित्तीय संकट में फंस गए। हालात इतने बुरे हो गए की कर्मचारियों का वेतन देना भी मुश्किल हो गया। जिसकी वजह से निगम कर्मचारियों को कई बार हड़ताल पर जाना पड़ा।