Chandu Champion Review: प्रेरणा से भर देगी चंदू चैंपियन की कहानी, जानिए फिल्म का ओवरऑल रिव्यू

आज सिनेमाघर में चंदू चैंपियन रिलीज हो गई है जिसके अब तक मिले रिव्यू के अनुसार अगर आप संघर्ष से गुजर रहे हैं किसी प्रेरणादायक फिल्म की तलाश में है तो आपको चंदू की कहानी मोटिवेशन दे सकती है।

Update: 2024-06-14 13:22 GMT

Chandu Champion movie Review:कहते हैं सपने को पूरा करने के लिए बस एक जुनून की जरूरत होती है और हिम्मत के बलबूते पर जंग जीतना आसान है ऐसी एक कहानी लेकर आई बॉलीवुड स्टार कार्तिक आर्यन की फिल्म चंदू चैंपियन। आज सिनेमाघर में रिलीज हो गई है जिसके अब तक मिले रिव्यू के अनुसार अगर आप संघर्ष से गुजर रहे हैं किसी प्रेरणादायक फिल्म की तलाश में है तो आपको चंदू की कहानी मोटिवेशन दे सकती है आखिर ऐसा क्या है फिल्म में चलिए जानते हैं इसका रिव्यू।

क्या है चंदू चैंपियन की कहानी

फिल्म की कहानी यानी बायोपिक मशहूर पहलवान मुरलीकांत पेटकर की जिंदगी पर आधारित है जिसमें मुख्य भूमिका कार्तिक आर्यन नजर आए हैं। फिल्म की कहानी की शुरुआत 1950 की दशक से शुरू होती है जहां महाराष्ट्र के एक गांव में पहलवान मुरलीकांत पेटकर का जन्म होता है बचपन से ही मुरली का एक सपना होता है कि वह अपने आईडल दारा सिंह की तरह पहलवानी कर के नाम कमाए। लेकिन मुरली के सपने को परिवार नहीं समझता है तो वहीं गांव के कई लोग इसके खिलाफ खड़े होते हैं। अपने सपने को पूरा करने के लिए मुरली अब घर से भाग जाता है उसे रास्ते में आर्मी जॉइन करने की कहता है अगर पहलवान बना है तो सबसे पहले आर्मी ज्वॉइन करना पड़ेगा।




सपने पूरे होने से पहले लगा ब्रेक

मुरली इधर आर्मी तो ज्वाइन कर लेता है लेकिन उसे अपने सपने पहलवानी को भी पूरा करना इसके लिए वह बॉक्सिंग की ओर ध्यान लगता है। जिसमें उनके साथ देते हैं अली सर (विजय राज) , साथी गरनैल सिंह। इसी बीच मुरलीकांत, गरनैल सिंह और अली सर की पोस्टिंग कश्मीर में हो जाती है और फिर एक दिन पाकिस्तान से लड़ाई के दौरान मुरली को गोली मुरलीकांत को 9 गोलियां लगती हैं, फिर भी वो बच जाते हैं। लेकिन आधा शरीर पैरालाइज हो जाता है लेकिन अली सर उसका साथ नहीं छोड़ते और वे पैरालिंपिक में भारत की तरफ से हिस्सा लेने जाते हैं। आखिर कैसे भारत के नाम अपना मेडल करते है यही फिल्म की कहानी है। 

कैसी है सभी कलाकारों की अदाकारी

फिल्म चंदू चैंपियन में कार्तिक आर्यन मुख्य भूमिका निभा रहे हैं तो उनकी ही एक्टिंग की बात करते हैं पहली बार कार्तिक कॉमेडी और रोमांटिक भूमिका से हटकर सीरियस अवतार में नजर आए हैं। मुरलीकांत पेटकर की भूमिका में उन्होंने अपनी मेहनत को निखारा और दमदार अभिनय किया है। इसके अलावा विजय राज की एक सख्त ट्रेनर वाली भूमिका हर किसी को पसंद आएंगी में अपने रोल में जमे है। मुरलीकांत के दोस्त करनैल सिंह के रोल में भुवन अरोड़ा का काम भी शानदार है। 

कैसे है फिल्म के गाने और निर्देशन

जैसा कि, यह फिल्म प्रेरणा से भरपूर फिल्म है तो ठीक है जो फिल्म में जरूरी है चुभते नहीं है। इस फिल्म के डायरेक्शन की बात की जाए तो कमाल का है जिसे कबीर खान ने डायरेक्ट किया है जो बजरंगी भाईजान जैसी दमदार फिल्मों को डायरेक्ट कर चुके है। सिनेमैटोग्राफी भी तारीफ के लायक है। 50-60 साल पहले देश कैसा रहा होगा, उसे पर्दे पर दिखाने में कामयाब भी हुए हैं।

फिल्म देखें या नहीं 

फिल्म का इतना रिव्यू जानने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि यह फिल्म प्रेरणा से भरी फिल्म है और अगर एक्टर कार्तिक आर्यन की फैंस है और एक्टर को नई भूमिका में देखना चाह रहे हैं तो फिल्म देखने जाना चाहिए। फिल्म की सब बात तो सही है लेकिन इस फिल्म की लेंथ 3 घंटे आपको ज्यादा देर तक थियेटर में बिठा देगी।

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