ममता बनर्जी तीसरी बार बनी मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दी नसीहत, कहा - हिंसा बंद हो

Update: 2021-05-05 06:31 GMT

कोलकाता। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। आज सुबह 11:00 बजे के करीब राजभवन कोलकाता में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है।कोरोना महामारी के चलते शपथ ग्रहण समारोह बेहद सादगी भरा रहा। ममता के मंत्री छह मई यानी कल शपथ ले सकते हैं।

शपथ लेने के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि `मेरी पहली प्राथमिकता है कि मैं राज्य में कोरोनाको कंट्रोल करूं। मैं राज्यपाल और सभी लोगों का शुक्रिया करती हूं। सभी लोग अब बंगाल की तरफ देख रहे हैं। मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से टॉलरेंट बनने की अपील करती हूं। राज्य में किसी भी तरह का लॉ एंड ऑर्डर का उल्लंघन सहन नहीं होना चाहिए, कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मैं आज से ही राज्य की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी लूंगी। हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'

राज्यपाल ने दी नसीहत - 

वहीँ राज्यापाल धनखड़ ने कहा मैं तीसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बधाई देता हूं। आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के अनुसार चलेगा। हमारी प्राथमिकता इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगी। राज्यपाल ने चुनाव परिणाम के बाद राज्य में हो रही हिंसा को राज्य प्रायोजित आतंकवाद बताया और सरकार से इस पर नियंत्रण लगाने की अपील की।

समारोह में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल धनखड़ ने ममता बनर्जी पर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह है कि हमें इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना चाहिए, जिसने बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित किया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि कानून के शासन को बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री तत्काल सभी कदम उठाएंगी। ममता बनर्जी के पिछले तीन माह तक मुख्यमंत्री न रहने के बयान पर राज्यपाल ने कहा, यह राज्य प्रायोजित आतंकवाद है। मुख्यमंत्री कहती हैं कि वह सत्ता में नहीं थीं, तो सत्ता में कौन था। यह हिंसा किसने की। 

ये रहे उपस्थित - 

राजभवन में हुए शपथ ग्रहण सामारोह में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, निवर्तमान सदन के नेता प्रतिपक्ष अब्दुल मन्नान और माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस भी मौजूद रहे। मिली जानकारी के मुताबिक ममता के शपथ ग्रहण में बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरभ गांगुली और बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के अलावा प्रशांत किशोर को भी बुलाया गया था।

भाजपा का धरना - 

कोरोना महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार हिंसा और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले से क्षुब्ध बीजेपी ने ममता बनर्जी के शपथ समारोह का बायकॉट किया। हिंसा के खिलाफ बीजेपी ने धरना देने की भी घोषणा की है। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी के नेता गणतंत्र रक्षा की शपथ लेंगे।

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