रेल हादसे पर उठे सवाल तो मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को दिखाया आइना, कहा अपने गिरेबान में झाको...

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, "क्या यह देश ऐसे ही चलेगा? कांग्रेस सोशल मीडिया की अपनी ट्रोल सेना की मदद से झूठी बातें उठाती है।"

Update: 2024-08-01 08:34 GMT

रेल हादसे पर उठे सवाल तो मंत्री अश्विनी वैष्णव हो गए गुस्सा

Minister Ashwini Vaishnav Answer on Rail Accident : नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दिया। साथ ही जब विपक्ष ने रेल हादसों पर सवाल खड़े किए तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि "जो लोग यहां चिल्ला रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहने के 58 वर्षों में वे 1 किमी दूर भी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection) क्यों नहीं लगा पाए। आज वे सवाल उठाने की हिम्मत करते हैं। जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं, तो वे दुर्घटनाओं की संख्या बताती थीं कि 0.24 से घटकर 0.19 हो गई, ये लोग सदन में ताली बजाते थे और आज जब यह 0.19 से घटकर 0.3 हो गई है, तो वे इस तरह का आरोप लगाते हैं।"

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि, "क्या यह देश ऐसे ही चलेगा? कांग्रेस सोशल मीडिया की अपनी ट्रोल सेना की मदद से झूठी बातें उठाती है। क्या वे उन 2 करोड़ लोगों के दिलों में डर भरने की कोशिश कर रहे हैं जो हर दिन रेलवे से यात्रा करते हैं? 12 लाख रेलवे एम्प्लॉय की हमें सराहना करनी चाहिए।"

2,500 जनरल कोच का उत्पादन :

लोकसभा में बोलते हुए, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "अगर हम नॉन-एसी (स्लीप और जनरल कोच) और एसी कोच का अनुपात देखें - दो-तिहाई नॉन-एसी हैं और एक-तिहाई एसी कोच हैं, ट्रेन की यह संरचना हमेशा से रही है। जनरल कोच की मांग बढ़ गई है, इसे ध्यान में रखते हुए लगभग 2,500 जनरल कोच का उत्पादन जल्द ही पूरा हो जाएगा और मानक संरचना - प्रत्येक मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में न्यूनतम 4 जनरल कोच होंगे, जल्द ही लागू किया जाएगा।"

हम रील बनाने वाले लोग नहीं :

लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "हम रील बनाने वाले लोग नहीं हैं, हम मेहनत करते हैं, न कि आप लोग जो दिखावे के लिए रील बनाते हैं...रेल मंत्री ने आगे कहा, "लोको पायलटों के काम करने और आराम करने का औसत समय 2005 में बनाए गए नियम के अनुसार तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को ज़्यादा सुविधाएँ दी गईं। सभी रनिंग रूम - 558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत ज़्यादा कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से ज़्यादा लोको कैब वातानुकूलित हैं। आज जो लोग रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं, उनके समय में यह शून्य था।"

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