Ganderbal Terror Attack: सीधी के सिविल इंजीनियर की गांदरबल आतंकी हमले में मौत, डिठौरा गांव में छाया मातम

Update: 2024-10-21 16:30 GMT

सीधी के सिविल इंजीनियर की गांदरबल आतंकी हमले में मौत

Ganderbal Terror Attack : सीधी। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमले में मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले इंजीनियर अनिल शुक्ला (45) की भी मौत हो गई। वे जेपी फैक्ट्री में सिविल इंजीनियर थे। इन दिनों वह जम्मू-कश्मीर में सुरंग बनवाने का काम करा रहे थे। रविवार देर रात आतंकियों ने वहां अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसमें अनिल शुक्ला समेत 7 लोगों की मौत हो गई। अनिल को पहले बिहार का बताया जा रहा था। बाद में पता चला कि वे मध्यप्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले हैं।

इंजीनियर अनिल शुक्ला का एक बेटा और एक बेटी है। बेटा 11वीं और बेटी बीएससी सेकंड ईयर में पढ़ती है। उनका परिवार कुछ समय से रीवा में रह रहा था। चुरहट एसडीएम शैलेश द्विवेदी ने बताया कि सेना की तरफ से फोन आया था कि, अनिल शुक्ला आपके क्षेत्र के हैं या नहीं। इसकी पुष्टि हमने कर दी है। अनिल हमारे ही क्षेत्र रामपुर नैकिन जनपद पंचायत के डिठौरा के रहने वाले हैं। घटना की जानकारी परिवार को दे दी गई है। शव लेने के लिए उनके बड़े भाई मुंबई से कश्मीर के लिए रवाना हो गए हैं।

शुरुआती जांच के मुताबिक दो लोग अपना चेहरा छिपाकर सुरंग बनाने वाली कंपनी के मेस में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो गए थे। सरकार मृतकों के शवों को उनके घर भेजने की व्यवस्था कर रही है।

बता दें कि, गांदरबल में हुए आतंकी हमले के बाद प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक राहत योजना का ऐलान किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, SRE (सुरक्षा राहत उपाय) के तहत प्रत्येक मारे गए नागरिक के परिजनों को 6 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि एपीसीओ इंफ्राटेक कंपनी द्वारा 15 लाख रुपये का तत्काल उपाय भी उपलब्ध कराया जाएगा। सभी घायलों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि कॉर्पोरेट व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसी के तहत ऑन रोल नागरिकों के परिवारों को उनके सकल सीटीसी का 5 साल तक वित्तीय सहायता और बीमा मुआवजा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, सभी PRW श्रमिक और तीसरे पक्ष के कर्मचारी कर्मकार मुआवजा नीति के अंतर्गत आएंगे।

गौरतलब है कि, बीते दिन रविवार 20 अक्टूबर को हुए इस हमले में एक डॉक्टर, एक डिजाइनर और पांच निर्माण श्रमिकों की हत्या कर दी गई थी। डॉ. शाहनवाज डार के बेटे ने कहा कि उनके पिता की हत्या ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया है। उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ी है और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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