मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज, सिंधिया सहित इन चेहरों को मिल सकती है जगह

अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और नरेन्द्र सिंह तोमर का कामकाज बेहतर

Update: 2021-05-25 11:32 GMT

नई दिल्ली/वेब डेस्क। संसद के सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर जोर पकड़ गई है। रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई भाजपा पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक में कैबिनेट विस्तार का निर्णय हुआ है। बताया जा रहा है कि मोदी मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश कोटे से ज्योतिरादित्य सिंधिया, बिहार कोटे से पूर्व उपमुयमंत्री सुशील मोदी, असम से सर्बानंद सोनोवाल, बैजयंत पांडा सहित कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। जानकारी हो कि मोदी सरकार 2.0 में साल 2021 का यह पहला संभावित विस्तार है। इन चेहरों के अलावा कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने की अटकलें हैं।

बताया जा रहा है कि जिन मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड बेहतर नहीं है, उन्हें भी बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है। इस लिहाज से स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन की जगह देवी शेट्टी को नया स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इससे पहले मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा सामने आई थी। तब कहा गया था कि खरमास के बाद कभी भी विस्तार हो सकता है लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के चलते मंत्रिमंडल विस्तार को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। इधर, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। विस्तार में अधिकतर उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम को ज्यादा महत्व दिया जा सकता है।

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी कुछ अलग निर्णय करने के लिए जाने जाते हैं। वे कब या अप्रत्याशित निर्णय लेंगे यह उनके अलावा कोई नहीं जानता। सूत्रों का कहना है कि सरकार और भाजपा की छवि पर कोविड संकट के प्रभाव और अगले साल होने वाले राज्य चुनावों पर बैठक में चर्चा की गई। इसके अलावा एजेंडे में जुलाई में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का संभावित फेरबदल भी था, जो इस बात पर निर्भर करता है कि तब तक कोरोनोवायरस की दूसरी लहर समाप्त हो जाती है या नहीं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव को देखकर ही नपातुला फैसला करेंगे। बताया जा रहा है कि नवंबर से पहले कई विशेषज्ञों द्वारा कोरोनावायरस की संभावित तीसरी लहर की चेतावनी को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ऐसी कोई धारणा नहीं बनने देना चाहते हैं जिससे कि मार्च 2022 में होने वाले उार प्रदेश, उाराखंड और पंजाब में होने वाले राज्य चुनावों पर असर पड़े।

सूत्रों का कहना है कि जिन मंत्रालयों में बदलाव देखने को मिलेगा उनमें स्वास्थ्य भी शामिल है। जिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ मोदी बातचीत कर रहे हैं, उन्होंने चिकित्सा पक्ष से कुछ चेहरों की पहचान की है, और अटकलें हैं कि नारायण हेल्थ के संस्थापक डॉ देवी शट्टी नए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हो सकते हैं। कोविड की तीसरी लहर की तैयारी के लिए अपने टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में हाल ही में डॉ शेट्टी को कर्नाटक द्वारा नियुत किया गया था। डॉ शेट्टी के अलावा, मोदी आठ से दस नए चेहरों को लाने के इच्छुक हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुयमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी और ओडिशा से सांसद बैजयंत पांडा इन नामों में शामिल हैं। इसके अलावा भूपेंद्र यादव, मीनाक्षी लेखी और जी वी एल नरसिम्हाराव को भी प्रमुखता से मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चर्चा है।

उच्च पदस्थ राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, 26 मई को अपने आठवें वर्ष में प्रवेश करने वाले मोदी के वित्त, गृह, रक्षा और विदेश मामलों के विभागों में किसी फेरबदल की संभावना नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सडक़ व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा कृषि कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कामकाज बेहतर रहा है। राजनाथ सिंह ने महामारी के दौरान ऑसीजन के सुचारू आयात और रिकॉर्ड समय में दूर-दराज के देशों से कंटेनरों को लाने के लिए भारतीय सेना को लगाकर अपनी क्षमता साबित की है। विदेश मंत्री डॉ सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने भारत में कोविशील्ड और कोवैसिन के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए आयात की जाने वाली सामग्री पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ बौद्धिक संपदा के मुद्दों पर बातचीत करने में उत्साह दिखाया। प्रधानमंत्री मोदी कोविड की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ व्यवहार करने में विा मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिखाई तत्परता से प्रभावित बताए जाते हैं। वर्तमान में, छह कैबिनेट मंत्रियों के पास दो या अधिक विभाग हैं, जिनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं, जिनके अतिरिक्त विभागों को उतारने की उम्मीद है।

सूत्रों का कहना है कि सूचना और प्रसारण विभाग को एक वरिष्ठ मंत्री को फिर से सौंपा जाना तय है। या मौजूदा जावड़ेकर ने अपनी योग्यता साबित की है? जवाब मिला-जुला है, सरकार को दूसरी कोविड लहर पर सोशल मीडिया पर लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है और ट्विटर द्वारा 'टूलकिट' प्रकरण को लेकर भाजपा नेताओं को काली सूची में डाला जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय से भी मोदी को निराशा मिली है। डॉ. हर्षवर्धन से बहुत ऊम्मीद की जा रही थी, लेकिन दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या = ने स्वास्थ्य मंत्रालय के डॉ हर्षवर्धन के नेतृत्व को पटरी से उतार दिया है। कानून उन्हें मंत्रिपरिषद में 79 सदस्यों की अनुमति देता है और वर्तमान में उनके पास 53 हैं, जो उन्हें 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले नई प्रतिभाओं को लाने और विभिन्न क्रमपरिवर्तन और नए चेहरों पर भी प्रधानमंत्री मोदी दांव लगा सकते हैं। निश्चित तौर पर यह सब जुलाई तक होने वाली दूसरी कोविड लहर पर निर्भर करता है।

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