नईदिल्ली। नए संसद भवन का निर्माण पूरा हो चूका है। अब इसमें साफ-सफाई का कार्य चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है की इसी माह के अंत में संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक 26 मई को प्रधानमंत्री इसे राष्ट्र को समर्पित कर सकते है। इसी दिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार को नौ साल पूरे हो रहे है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जुलाई में होने वाला मानसून सत्र इसी सत्र में आयोजित हो सकता है। इसके अलावा साल के अंत में होने वाली जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों की बैठक भी नए संसद भवन में आयोजित होने की संभावना है। बता दें की भारत जी20 बैठक की अध्यक्षता कर रहा है।
ये है खासियत -
बता दें कि त्रिकोणीय आकर के इस नए संसद भवन का निर्मांण कार्य 2021 को शुरू हुआ था। 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बने इस चार मंजिला भवन में तीन दरवाजे है। जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। इन द्वारों से सांसदों, वीआईपी और आगंतुकों को अलग-अलग प्रवेश मिलेगा। नया भवन पुराने संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर बड़ा है।ये भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी है। नई संसद भवन में संविधान हॉल बनाया गया है। जो इस नए भवन का आकर्षण का केंद्र है। इस हॉल में भारत के संविधान की मूल प्रति रखी गई है। जिसमें एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष और भोजन कक्ष है। नए संसद भवन में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और देश के अन्य प्रधानमंत्रियों की तस्वीरें लगाई जाएंगी।
नई संसद भवन के निर्माण का कारण -
वर्तमान संसद भवन का निर्माण साल 1925 में बनाया गया था। साल 2026 में नए परिसीमन के बाद सांसदों की संख्या बढ़ने पर नए सांसदों के बैठने की जगह नहीं है। ऐसे में सरकार ने नई संसद भवन की आवश्यकता महसूस हुई। जिसके बाद इसके निर्माण को मंजुरी दी गई।
- वर्तमान संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 590 सांसद बैठ सकते है, वहीँ नई लोकसभा में 888 सांसद बैठ सकते है। \
- वर्तमान राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सांसद बैठ सकेंगे।
- दोनों सदनों के संयुक्त सेशन में 1272 से ज्यादा सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे।
- संसद की सभी कार्यों के लिए अलग-अलग ऑफिस बनेंगे।
- कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।