प्रधानमंत्री मोदी ने 75 हजार लोगों को सौंपी आवास की चाबी, लाभार्थियों से किया संवाद

Update: 2021-10-05 08:09 GMT

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राजधानी लखनऊ में 'अमृत महोत्सव' के तहत तीन दिवसीय न्यू अर्बन इंडिया कानक्लेव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने 75 बेहतरीन कामों की टेबल बुक का लोकार्पण किया और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 75000 शहरी गरीब लाभार्थियों को आवास की चाभी डिजिटल माध्यम से सौंपी।

लोगों को घरों की चाभियां सौंपने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ लाभार्थियों से संवाद भी किया। ललितपुर की बबिता से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे घर का हालचाल पूछा। बबिता ने बताया कि पहले उनका परिवार कच्चे मकान में रहता था। छत से पानी टपकता था लेकिन अब उन्हें पक्का मकान मिल गया है।बबिता ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि उसके पति मजदूरी करते हैं और बकरी पालन का काम करते हैं। इस पर मोदी ने उसे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत ऋण लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ाने की सलाह दी। 

कानपुर की राम जानकी ने आवास देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें ढाई लाख रुपया मिला था। रामजानकी ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि स्वनिधि योजना के तहत उन्हें 10 हजार रुपये का ऋण मिला है जिसे उन्होंने दूध के व्यवसाय में लगाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए उन्हें प्रेरित किया। 

प्रधानमंत्री ने किया संवाद - 

प्रधानमंत्री मोदी ने आगरा की विमलेश से भी संवाद किया। मोदी ने उनसे राधे-राधे के संबोधन से बात शुरु की और घर परिवार के बारे में पूरी जानकारी ली। विमलेश ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें सरकार की योजनाओं के तहत बिजली व पानी का कनेक्शन मिला है। राशन कार्ड भी बन गया है और जन धन योजना के तहत बैंक अकाउंट भी खुल गया है।विमलेश ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि वह माला जपने वाला थैला बनाती हैं। इस बात की खुशी जताई कि पक्का मकान मिलने से इस बार की दीपावली नये मकान में मनाई जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें सुझाव दिया कि अब नया घर मिलने पर अपने काम को बढ़ाएं और बच्चों को खूब पढ़ाएं।प्रधानमंत्री ने विमलेश से यह भी पूछा कि नया मकान मिलने पर अब तो मेहमान भी बहुत आते होंगे। इससे खर्चा तो नहीं बढ़ गया। प्रधानमंत्री के इस सवाल पर लोग मुस्कराने लगे और विमलेश ने भी हंसते हुए जवाब दिया कि खर्चा बढ़ने जैसी कोई बात नहीं है।

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