राशन की योजनाओं का दायरा और बजट साल दर साल बढ़ता गया : प्रधानमंत्री

Update: 2021-08-03 10:12 GMT

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पीएम गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) के गुजरात के लाभार्थियों के साथ चर्चा की।वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा की गुजरात सरकार ने हमारी बहनों, हमारे किसानों, हमारे गरीब परिवारों के हित में हर योजना को सेवाभाव के साथ जमीन पर उतारा है। आज गुजरात के लाखों परिवारों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एक साथ मुफ्त राशन वितरित किया जा रहा है।

आजादी के बाद से ही करीब-करीब हर सरकार ने गरीबों को सस्ता भोजन देने की बात कही थी। सस्ते राशन की योजनाओं का दायरा और बजट साल दर साल बढ़ता गया, लेकिन उसका जो प्रभाव होना चाहिए था, वो सीमित ही रहा।देश के खाद्य भंडार बढ़ते गए, लेकिन भुखमरी और कुपोषण में उस अनुपात में कमी नहीं आ पाई। इसका एक बड़ा कारण था- प्रभावी डिलिवरी सिस्टम का ना होना। इस स्थिति को बदलने के लिए साल 2014 के बाद नए सिरे से काम शुरू किया गया।

फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से हटाया -

नई टेक्नोलॉजी को इस परिवर्तन का माध्यम बनाया गया। करोड़ों फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से हटाया गया। राशन कार्ड को आधार से लिंक किया गया। सरकारी राशन की दुकानों में डिजिटल टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित किया गया।आज दुनियाभर में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना की प्रशंसा हो रही है। बड़े-बड़े एक्सपर्ट इस बात की तारीफ कर रहे हैं कि भारत अपने 80 करोड़ से अधिक लोगों को इस महामारी के दौरान मुफ्त अनाज उपलब्ध करा रहा है।

Ease of Living के लिए नए मानदंड -

आज देश इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ खर्च कर रहा है, लेकिन साथ ही सामान्य मानवी के जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए, Ease of Living के लिए नए मानदंड भी स्थापित कर रहा है। गरीब के सशक्तिकरण को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।जब 2 करोड़ गरीब परिवारों को घर दिए जाते हैं, तो इसका मतलब है कि वो अब सर्दी, गर्मी और बारिश के डर से मुक्त होकर जी पाएगा। इतना ही नहीं जब खुद का घर होता है तो आत्मसम्मान से उसका जीवन भर जाता है, नए संकल्पों से जुड़ जाता है।

 हर क्षेत्र का आत्मविश्वास बढ़ा - 

गुजरात सहित पूरे देश में ऐसे अनेक काम हैं, जिनके कारण आज हर देशवासी का, हर क्षेत्र का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। ये आत्मविश्वास ही है जो हर चुनौती से पार पाने का, हर सपने को पाने का एक बहुत बड़ा सूत्र है।इस बार ओलंपिक्स में भारत के अब तक के सबसे अधिक खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है। ये 100 साल की सबसे बड़ी आपदा से जूझते हुए किया है। कई तो ऐसे खेल हैं जिनमें हमने पहली बार क्वालीफाई किया है। सिर्फ क्वालीफाई ही नहीं किया बल्कि कड़ी टक्कर भी दे रहे हैं। हमारे खिलाड़ी हर खेल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस ओलंपिक में नए भारत का बुलंद आत्मविश्वास हर खेल में दिख रहा है। हमारे खिलाड़ी अपने से बेहतर खिलाड़ियों और टीमों को चुनौती दे रहे हैं।

खिलाड़ियों का जोश, जुनून और जज़्बा -

भारतीय खिलाड़ियों का जोश, जुनून और जज़्बा आज सर्वोच्च स्तर पर है। ये आत्मविश्वास तब आता है जब सही टैलेंट की पहचान होती है, उसको प्रोत्साहन मिलता है। ये आत्मविश्वास तब आता है जब व्यवस्थाएं बदलती हैं, transparent होती हैं।इसी आत्मविश्वास को हमें कोरोना से लड़ाई में और अपने टीकाकरण अभियान में भी जारी रखना है। वैश्विक महामारी के इस माहौल में हमें अपनी सतर्कता लगातार बनाए रखनी है।देश आज 50 करोड़ टीकाकरण की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, तो गुजरात भी 3.50 करोड़ वैक्सीन डोज के पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। हमें टीका भी लगवाना है, मास्क भी पहनना है और जितना संभव हो भीड़ से बचना है।

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