नईदिल्ली। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक पीएमजेडीवाई यानी प्रधानमंत्री जनधन योजना के आज नौ साल पूरे हो गए । 28 अगस्त 2014 को शुरू हुई इस योजना के तहत अभी तक 50 करोड़ सबसे ज्यादा जनधन अकाउंट खोले गए हैं। इस नौ साल की अवधि में जनधन अकाउंट में जमा राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को जन धन योजना शुरू करने की घोषणा की थी। 28 अगस्त 2014 से पूरे देश में इस योजना को लागू किया गया। इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले उन लोगों के लिए बैंक अकाउंट की सुविधा मुहैया कराना था, जो आजादी के इतने साल बाद तक भी बैंक अकाउंट की सुविधा से वंचित थे। पीएमजेडीवाई के तहत जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट खोले जाने थे। इसका एक उद्देश्य उन लोगों तक भी सीधी पहुंच बनाना था, जो सरकारी योजनाओं के तहत लाभान्वित होते थे। लेकिन बैंक अकाउंट नहीं होने की वजह से उन्हें दलालों या बिचौलियों के जरिए नकद भुगतान प्राप्त करना पड़ता था। जनधन अकाउंट खोलने के बाद इन लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाला भुगतान सीधे बैंक अकाउंट में मिलने लगा, जिससे दलालों या बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई। योजना की शुरुआत के बाद से ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया जिसकी वजह से नौ साल की अवधि में अभी तक जीरो बैलेंस वाले 50.09 करोड़ जनधन अकाउंट खोले जा चुके हैं।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक देशभर में अभी तक 225 करोड़ बैंक अकाउंट है। देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिनका एक से अधिक बैंक अकाउंट हैं। बावजूद इसके अभी भी करीब देश की आठ प्रतिशत आबादी बैंक अकाउंट से वंचित है। सरकार का इरादा 2024 के मार्च तक हर बालिग को बैंक अकाउंट से जोड़ देने का है, ताकि सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले भुगतान के लिए किसी को भी बिचौलिए या दलालों की मदद न लेनी पड़े और सरकार की ओर से होने वाले भुगतान की पूरी राशि उन्हें अपने अकाउंट में ही मिले।