Mahashivratri 2025: एक ऐसा भी अनोखा शिवलिंग, दो भागों में वास करते हैं भगवान शिव और माता पार्वती, जानिए इसकी कहानी
भगवान शिव के काफी प्रचलित मंदिर है लेकिन आपने हिमाचल प्रदेश का यह अनोखा शिवलिंग नहीं देखा होगा जो दो भागों में बंटा है।;
Shiva Temple: आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जा रहा है इस शुभ दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है कहते हैं इस दिन ही शिव शक्ति का मिलन हुआ था। इस उपलक्ष्य में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। वैसे तो भगवान शिव के काफी प्रचलित मंदिर है लेकिन आपने हिमाचल प्रदेश का यह अनोखा शिवलिंग नहीं देखा होगा जो दो भागों में बंटा है। ऐसा क्यों है चलिए जानते हैं इसका रहस्य।
अर्धनारीश्वर रूप में विराजमान है शिवलिंग
आपको बताते चलें कि, यह अनोखा शिवलिंग दरअसल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में काठगढ़ महादेव मंदिर में स्थित हैं। जहां इस अनोखे शिवलिंग की खासियत है कि, इसका अर्धनारीश्वर रूप है। शिव-पार्वती के रूप में बंटे यहां के शिवलिंग के दोनो भागों के बीच अपने आप दूरियां घटती-बढ़ती रहती हैं।
ऋतुओं के साथ बदलता है आकार
बताते चलें कि, इस शिवलिंग की खासियत यह भी है कि इनका संबंध ग्रहों और नक्षत्रों के परिवर्तन से जुड़ा हुआ है।ग्रीष्म ऋतु में यह स्वरूप दो भागों में बंट जाता है और शीत ऋतु में फिर से एक रूप धारण कर लेता है।यहां का शिवलिंग काले-भूरे रंग का है. शिव रूप में पूजे जाते शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 7-8 फीट है और पार्वती के रूप में पूजे जाते शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 5-6 फीट है।
शिवरात्रि के मौके पर लगता है मेला
आपको बताते चलें कि, इस खास तरह के मंदिर को लेकर प्राचीन इतिहास प्रचलित हैं। काठगढ़ महादेव मंदिर का निर्माण सबसे पहले सिकंदर ने करवाया था. इस शिवलिंग से प्रभावित होकर सिकंदर ने टीले पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि को समतल किया था।हर साल यहां तीन दिन मेला लगता है. शिव और शक्ति के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप के संगम के दर्शन करने के लिए यहां कई भक्त आते हैं।