मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता प्रताप सरनाईक ने रविवार को मुख्यमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने की मांग की है। सरनाईक ने पत्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर शिवसेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है। सरनाईक ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार बेहतर काम कर रही है लेकिन पार्टी को बचाने के लिए अब भाजपा के साथ जाना जरूरी हो गया है।
सरनाईक ने पत्र में लिखा है कि महाविकास आघाड़ी में शामिल होने के बाद भी कांग्रेस और राकांपा शिवसेना के नेताओं को तोड़कर अपनी पार्टी का विस्तार कर रही हैं। अगले साल कई नगर निगम, जिला परिषद और नगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं। भाजपा के साथ गठबंधन होने के बाद इन चुनावों में शिवसेना को लाभ हो सकता है। साथ ही भाजपा के साथ गठबंधन होने के बाद पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ शिवसेना के संबंध बेहतर हो सकते हैं। इससे राज्य में शिवसेना नेताओं पर अनायास केंद्रीय एजेंसियों के टार्चर से छुटकारा मिल सकता है। सरनाईक ने दावा किया कि कांग्रेस और राकांपा नेताओं के भाजपा नेताओं के साथ मधुर संबंध हैं, इसलिए उन्हें कोई तकलीफ नहीं हो रही है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना का राज्य में 25 साल से अधिक समय तक गठबंधन था। वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता के बंटवारे के मुद्दे पर दोनों दलों में खटास आ गई थी और गठबंधन टूट गया था। इसके बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास आघाड़ी बनाया और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। सरनाईक ने पत्र में कहा है कि सरकार बनने के बाद शिवसेना को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इसका विपरीत असर आगामी चुनावों में दिखेगा और शिवसेना कमजोर पड़ जाएगी। इसी वजह से शिवसेना को समय रहते भाजपा के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए। दुनिया के शीर्ष राजनयिक के रूप में उनके दूसरे कार्यकाल के लिहाज से नयी दिल्ली की ओर से समर्थन व्यक्त किया था। जयशंकर ने बैठक के बाद एक ट्वीट में कहा था कि भारत संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के नेतृत्व को महत्व देता है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब समय चुनौतीपूर्ण हो। दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन जताया। बाद में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में भी जयशंकर के इस कथन को दोहराया गया।