काफी रोचक है 'डिजिटल बाबा' के सनातन धर्म प्रचार का तरीका: ट्राइपॉड, वायरलेस माइक लिए युवाओं के साथ कर रहे लाइव इंटरैक्शन

सामान्य व्यक्ति के समान बिना ताम-झाम के दिन भर डिजिटल बाबा साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं से मुखातिब हो रहे हैं।;

Update: 2025-02-16 14:35 GMT

स्वदेश समाचार/फोटो सहित

महाकुम्भनगर। 'डिजिटल बाबा' (स्वामी राम शंकर महराज) की सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु रोचक कार्यशैली युवा पीढ़ी को खूब भा रही है। धर्म, अध्यात्म, कुम्भ, जीवन में भक्ति का महत्व 'डिजिटल बाबा' सरल भाषा में समझा रहे हैं। डिजिटल युग में डिजिटल बाबा का लोगों से डिजिटल रूबरू होने का अंदाज निराला है। ट्राइपॉड, कैमरा, वायरलेस माइक लिए लाइव इंटरैक्शन कर रहे हैं। सामान्य व्यक्ति के समान बिना ताम-झाम के दिन भर डिजिटल बाबा साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं से मुखातिब हो रहे हैं। लोगों से हो रही बातचीत को सोशल मीडिया में बड़ी ततपरता से साझा भी कर रहे हैं।

डिजिटल बाबा का कुम्भ मेला पर कवरेज बेहद ज्ञानवर्धक रुचिकर एवं आकर्षक हो रहा हैं।गोरखपुर में पले-बढ़े बीकॉम डिग्री होल्डर डिजिटल बाबा 2008 में अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महराज से दीक्षा प्राप्त कर राम प्रकाश भट्ट से स्वामी राम शंकर दास बने।

इस युवा साधक ने भारतवर्ष के विभिन्न गुरुकुल जैसे वानप्रस्थ साधक ग्राम आश्रम साबरकांठा गुजरात, कलवा गुरुकुल जींद हरियाणा, संदीपनी हिमालय गुरुकुल चिन्मय मिशन धर्मशाला हिमाचल, बिहार स्कूल ऑफ योगा रिखियापीठ देवघर झारखंड, कैवल्यधाम योग संस्थान लोनावला महराष्ट्र आदि स्कूलों में रहकर 7 वर्षों तक सनातन धर्म के शास्त्रों, उपनिषद, रामायण, श्रीमद्भागवत गीता अद्वैत-वेदांत का भली-भांति अध्ययन कर एवं ततपश्चात खैरागढ़ सङ्गीत विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में रह का सङ्गीत की तालीम हासिल कर वर्ष 2017 से डिजिटल बाबा हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ धाम में रहकर आध्यत्मिक उन्नति हेतु साधनारत हैं।




स्वामी राम शंकर (डिजिटल बाबा) देश भर में श्री राम कथा एवं श्रीमद्भागवत कथा व वेदांत के प्रवचन ज्ञान सत्र में ज्ञान प्रदान करने जाते रहते हैं। डिजिटल बाबा के फेसबुक पेज पर सवा तीन लाख लोग फॉलो करते हैं। कुम्भ मेला में डिजिटल बाबा का अनूठा व्यक्तित्व सबके बीच आकर्षण एवं कौतूहल का विषय बना हुआ है।

सबसे खास बात यह है कि डिजिटल बाबा अपने भक्तों से सीधा संवाद करते है हर कोई बाबा से बात कर सकता बाबा से आसानी से मिल सकता हैं। दिलचस्प बात यह है कि विद्यार्थी जीवन मे बाबा एनसीसी कैडेट रहे हैं। रंगमंचों पर नाटकों में खूब अभिनय किये हैं। कभी फिल्मों में काम करने का शौक रखने वाला यह कलाकार अपने जीवन के 20 वर्ष में पूर्ण रूप से अध्यात्म मार्ग का पथिक बन गया । डिजिटल बाबा कहते है जीवन मे सब तय है किसके जीवन मे कब कहा क्या होगा। हमने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हम आध्यात्मिक जीवन में होंगे, हमें नहीं मालूम था कि हम कथा वाचक बन कर लोगों को भक्ति मार्ग पर चलने के लिये प्रेरित करेंगे। डिजिटल बाबा पिछले 15 वर्ष से ब्रह्मचारी जीवन मे रहते हुए आध्यात्मिक मार्ग में साधनारत हैं।

Tags:    

Similar News